अवैध संबंधों में हुई थी झोलाछाप की हत्या, दो गिरफ्तार

चार महीने पहले हुई झोलाछाप की हत्या की घटना का गुरुवार को पुलिस ने खुलासा किया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Oct 2019 11:23 PM (IST) Updated:Thu, 10 Oct 2019 11:23 PM (IST)
अवैध संबंधों में हुई थी झोलाछाप की हत्या, दो गिरफ्तार
अवैध संबंधों में हुई थी झोलाछाप की हत्या, दो गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, बदायूं : चार महीने पहले हुई झोलाछाप की हत्या की घटना का गुरुवार को पुलिस ने खुलासा किया है। दो सगे भाइयों को गिरफ्तार कर अवैध संबंधों के चलते झोलाछाप की हत्या करने की बात ही है। हालांकि मामले में अभी दो आरोपित फरार हैं। पकड़े गए आरोपितों की निशानदेही पर वारदात में प्रयुक्त आलाकत्ल भी बरामद करने का दावा किया है। आरोपितों को जेल भेजा है। बरेली के थाना आंवला क्षेत्र के गांव गनेशपुर निवासी राजाराम झोलाछाप था। उसकी दुकान बिनावर थाना क्षेत्र के सिगरौरा की 27 मई की रात को हत्या कर दी गई थी। शव दूसरे दिन गांव के बाहर मिला था। हत्यारों ने उसका गुप्तांग भी काट दिया था। शुरूआत से ही पुलिस इस मामले को अवैध संबंधों से जोड़कर देख रही थी। झोलाछाप के बेटे राहुल ने अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस को कॉल डिटेल से खासी जानकारी नहीं मिली। कभी रुपयों के लेनदेन के विवाद में हत्या करना तो कभी अपनों पर ही पुलिस के शक की सुई पहुंच रही थी। अब पुलिस ने गांव के ही वीर सिंह, उसका भाई महावीर सिंह, ओमपाल और दोस्त वीरपाल निवासीगण गांव सिगरौरा को हत्या में नामजद किया है। वीर सिंह और महावीर सिंह को गुरुवार सुबह गिरफ्तार करने का दावा किया है। ऐसे हुआ खुलासा

परिजनों ने पुलिस को बताया था कि देर रात तक राजाराम नहीं आया तो वीरसिंह समेत उसके परिजनों के मोबाइल पर कॉल करके जानकारी हासिल करना चाही लेकिन इन सभी के मोबाइल स्विच ऑफ थे। यहीं से पुलिस को इस परिवार पर शक हुआ था। गांव वालों ने भी बताया था कि झोलाछाप अक्सर वीरसिंह के घर आता-जाता था। ऐसे में वीरसिंह से ही पूछताछ हुई और वो टूट गया। उसने बताया, झोलाछाप के उसके परिवार की महिला के साथ अवैध संबंध थे। अपने दो भाइयों व एक दोस्त के साथ मिलकर झोलाछाप की हत्या की।

हत्या से पहले भी समझाया

आरोपित ने कबूला कि हत्या से पहले सभी ने मिलकर झोलाछाप को शराब पिलाई। उसे चेताया कि सुधर जाए लेकिन वह नशे में किसी की सुनने को राजी नहीं था। उसके बैग से कैंची व ब्लेड निकालकर मौत के घाट उतार दिया। शव को पुलिया के पास फेंक दिया। ब्लेड को वारदात के बाद मौके पर ही छोड़ा गया। जबकि कैंची वीर सिंह अपने साथ ले गया था।

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