प्यार ऐसा कि बेटे की लाश पर मां ने भी प्राण त्यागे

गांव कराखेड़ी में मां-बेटे के ऐसा प्यार था कि जब बेटे की मौत हो गई तो उसकी मां ने भी प्राण त्याग दिए।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 Sep 2018 11:32 PM (IST) Updated:Sun, 16 Sep 2018 11:32 PM (IST)
प्यार ऐसा कि बेटे की लाश पर मां ने भी प्राण त्यागे
प्यार ऐसा कि बेटे की लाश पर मां ने भी प्राण त्यागे

बिसौली : गांव कराखेड़ी में मां-बेटे के ऐसा प्यार था कि जब बेटे की मौत हो गई तो उसकी लाश पर मां ने भी प्राण त्याग दिए। बताते हैं कि बेटे की लाश पर मां ने कुछ इस तरह कहा, मैं भी तेरे पास आ रहीं हूं..। यह कहकर महिला की भी मौत हो गई।

गांव करखेड़ी निवासी गुरुदत्त शर्मा नगर के बड़ा मंदिर में प्रभु सेवा करते थे। फरवरी 2018 में उनकी मृत्यु हो गई। उनके नवल किशोर शर्मा और ब्रज किशोर शर्मा दो पुत्र हैं। बेवा पत्नी भूदेवी अपनी पुत्री राजवती के साथ नगर की बद्री प्रसाद कॉलोनी में रहने लगीं। शनिवार को 52 वर्षीय नवल किशोर शर्मा की मृत्यु हो गई। पुत्र की मौत के बाद मां भूदेवी फूट-फूटकर रोई। वह लाश पर ही बैठी रहीं। पांच घंटे तक गुमसुम रहने के बाद अचानक भूदेवी ने चीखकर कहा कि मेरे लाल मैं भी तेरे पास आ रही हूं। यह कहने के चंद मिनटों में ही मां भूदेवी ने भी अपने लाडले के शव पर ही दम तोड़ दिया। थोड़ी ही देर में मां और भाई की मौत की जानकारी होते ही ब्रज किशोर शर्मा भी वहां पहुंच गए। नगर के लोगों ने भी दोनों को कंधा दिया। यह देखकर हर एक की आंख नम थी। कछला में गंगा घाट पर मां-बेटे की चिता भी साथ-साथ जली। जीवन के पहले से लेकर आखिरी क्षणों तक नवल किशोर शर्मा अपनी मां के साथ ही रहा। दिव्यांग और नेत्रहीन होने के कारण मां ही अपने हाथों से उसे खाना खिलाती थी। मां-बेटे की एक साथ हुई मौत की नगर में काफी चर्चा है। मांग कर भरती थी बेटे का पेट

भूदेवी कुछ घरों से मांग कर अपना और अपने लाडले का पेट भरती थी। बेटी राजवती की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं हैं। ऐसे में भूदेवी और नवल किशोर शर्मा का गुजारा भी नहीं हो पाता था। मां-बेटे की ओर किसी भी समाजसेवी की निगाह भी नहीं गई।

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