पूरी नहीं हो सकी आसरा आवास की आस

गरीबों को पक्के मकान मुहैया कराने की योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन अफसरों की उदासीनता से पात्रों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है। सैदपुर में सपा शासन काल में बनाया गया आसरा आवास इसकी नजीर है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 12:26 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 12:26 AM (IST)
पूरी नहीं हो सकी आसरा आवास की आस
पूरी नहीं हो सकी आसरा आवास की आस

जेएनएन, सैदपुर(बदायूं) : गरीबों को पक्के मकान मुहैया कराने की योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन, अफसरों की उदासीनता से पात्रों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है। सैदपुर में सपा शासन काल में बनाया गया आसरा आवास इसकी नजीर है। करोड़ों की लागत से बने इन आवासों में गरीबों को आवंटन नहीं हो पा रहा है। जिम्मेदार कह रहे हैं कि आवेदकों की सूची बन चुकी है, लेकिन आवंटन कब होगा। इस संबंध में कोई जवाब नहीं है।

सपा शासन काल में लगभग पांच वर्ष पूर्व आसरा आवास योजना में 11 करोड़ 16 हजार की लागत से 228 आवासों का निर्माण हुआ। बरेली की संस्था सीएनडीएस जल निगम को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जब आवासों का निर्माण शुरू हुआ था, तभी से गरीबों के सपने साकार होते दिखने लगे थे। भवन निर्माण का कार्य पूरा हो गया तो लगने लगा कि अब जल्द ही गरीबों को आवास आवंटित किए जा सकते हैं। दिन गुजरते रहे और कोरोना महामारी का दौर शुरू हो गया। इससे आवास आवंटन की प्रक्रिया जहां की तहां ठप हो गई। गरीबों को आवास तो नहीं मिल सके, लेकिन यह आवास असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। गंदगी के अंबार लगे हैं। खिड़कियों के शीशे टूटे पड़े हैं। देखरेख के लिए ठेकेदार ने यहां एक चौकीदार लगा रखा है, लेकिन रखवाली अकेले उसके बात नहीं है। कुछ महीना पहले 130 लोगों ने आवासों के लिए आवेदन भी किया था। लेखपाल से जांच कराई गई थी तो 35 अपात्र मिले थे, इसके बाद भी पात्रों को आवंटन नहीं हो सका।

वर्जन ::

आसरा आवास आवंटन को 97 लोगों की सूची बनाकर प्रशासन को भेजी जा चुकी है। प्रक्रिया चल रही है, उम्मीद है कि पात्र परिवारों को जल्द आवासों का आवंटन हो जाएगा।

- राजीव कुमार, अधिशासी अधिकारी सैदपुर

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