अब तो हटाइए शहर के माथे से गंदगी का कलंक

बदायूं : बेशक शहर को अमृत का तोहफा मिल गया है। पर गदंगी का कलंक अभी तक नहीं हटा है। साफ-सफाई को न ज

By Edited By: Publish:Sat, 10 Oct 2015 12:13 AM (IST) Updated:Sat, 10 Oct 2015 12:13 AM (IST)
अब तो हटाइए शहर के माथे से गंदगी का कलंक

बदायूं : बेशक शहर को अमृत का तोहफा मिल गया है। पर गदंगी का कलंक अभी तक नहीं हटा है। साफ-सफाई को न जाने क्यूं नजरंदाज किया जा रहा है। जबकि स्वच्छता हर किसी को पसंद है। सालभर पहले प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के समय शहर को साफ-सुथरा रखने की ललक दिखी थी। वक्त बीता। साल भर में यही सफाई का जुनून ठंडा पड़ गया। फिर से सड़कें गंदगी के दर्द से बेजार होने लगी हैं। दैनिक जागरण ने सालभर पहले स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत की मुहिम छेड़ी थी। दो अक्टूबर गांधी जयंती पर फिर से स्वच्छता की हकीकत परखी गई। तब गदंगी का दंश सड़कों पर दिखा। शुक्रवार को अलापुर मार्ग पर कोल्ड स्टोरेज के सामने कूड़े के बड़े-बड़े ढेर लगे मिले। इसी मार्ग पर स्कूल के पास भी कूड़ा सड़क की शान बिगाड़ रहा है। कूड़ा हटाने की जिम्मेदारी किसी ने नहीं समझी। अलबत्ता गंदगी का दाग शहर के माथे पर ही लगा है। दैनिक जागरण ने स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत अभियान के अंतर्गत शहर की सफाई व्यवस्था की न सिर्फ तस्वीर पेश की। बल्कि शहरियों को स्वच्छता के प्रति सजग किया। लोग जागरुक हुए। सफाई की मांग उठी। शहर की सड़कें साफ दिखने लगीं। पर अभी भी शहर को स्वच्छता की दरकार है। इसलिए क्योंकि शहर के तमाम स्थानों पर मानों दिनभर कूड़ा ही नहीं उठता। जिला अस्पताल रोड का भी यही हाल है। शहर में सफाई होती है। सड़क और गलियों में झाड़ू भी लगती है। पर कूड़ा उठाने में सुस्ती हावी है। गंदगी केवल शहर की शोभा ही नहीं बिगाड़ती, बल्कि तमाम बीमारियों को जनती भी है। इसलिए पालिका शहर की सफाई की जिम्मेदारी उठाए। पर उसके साथ हमें स्वयं भी अपने शहर, सड़क, गली, दरवाजे को साफ रखने का फर्ज अदा करना होगा।

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