नटरवरलाल गिरफ्तार, अंगूठे का क्लोन बना बैंक खातों पर डालता रहा डाका

अंगूठे का क्लोन बनाकर दूसरे के खाता से रुपये उड़ाने वाले जालसाज को मुबारकपुर थाने की पुलिस ने सठियांव के समीप से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए उक्त जालसाज के पास से स्कैनर लैपटाप

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Jan 2020 06:30 PM (IST) Updated:Tue, 07 Jan 2020 06:30 PM (IST)
नटरवरलाल गिरफ्तार, अंगूठे का क्लोन बना बैंक खातों पर डालता रहा डाका
नटरवरलाल गिरफ्तार, अंगूठे का क्लोन बना बैंक खातों पर डालता रहा डाका

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : अंगूठे का क्लोन बनाकर दूसरे के खाता से रुपये उड़ाने वाले जालसाज को मुबारकपुर थाने की पुलिस ने सठियांव के समीप से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए उक्त जालसाज के पास से स्कैनर, लैपटाप, डेस्कटाप, सीपीयू समेत अन्य सामान बरामद किया। मुबारकपुर पुलिस गिरफ्तार को बड़ी कार्रवाई बता रही है।

एसपी प्रो. त्रिवेणी सिंह ने खुलासा करते हुए बताया कि जहानागंज क्षेत्र के महुआ मुरारपुर गांव निवासी सूखा देवी समेत सात अन्य लोगों के खाते से बीते माह कई किश्तों कर लाखों रुपये निकाल लिए गए थे। पीड़ित सूखा देवी की तहरीर पर जहानागंज थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। इस घटना में शामिल आरोपितों की गिरफ्तारी में साइबर क्राइम टीम के साथ मुबारकपुर, जहानागंज थानाध्यक्ष भी लगे थे। मंगलवार की सुबह मुबारकपुर थाना के प्रभारी निरीक्षक अखिलेश कुमार मिश्र, सठियांव चौकी प्रभारी श्रीकृष्ण प्रजापति ने एक आरोपित को सठियांव बाजार के समीप से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके निशानदेही पर एक फिगर प्रिट स्कैनर, लैपटाप, डेस्क टाप, सीपीयू, कलर प्रिटर, दो मोबाइल, बैंक आफ इंडिया का पास बुक बरामद किया। पकड़ा गया व्यक्ति आशीष राजभर ग्राम महुआ मुरारपुर थाना जहानागंज का निवासी है।

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ग्राहक सेवा केंद्र की आड़ में करता था फ्राड

गिरफ्तार आरोपित आशीष राजभर ग्राहक सेवा केंद्र का संचालक है। उसकी महुआ मुरारपुर बाजार में ही ग्राहक सेवा केंद्र है। एसपी प्रो. त्रिवेणी सिंह ने बताया कि उसने पूछताछ में ग्राहक सेवा केंद्र पर आने वाले अनपढ़ व गरीब तबके के लोगों को अपना शिकार बनाता था। उसके ग्राहक सेवा केंद्र पर जब लोग पैन कार्ड, राशन कार्ड, आधार कार्ड बनवाने या अपडेट कराने के लिए आते तो उनके फिगर को स्कैन कर क्लोन तैयार कर लेता था। इसके बाद बायोमैट्रिक से स्पाइस मनी डिजिटल पेमेंट के माध्यम से आरबीएल बैंक वैलेट में जाता था। उसके एईपीएस के माध्यम से दूसरे व्यक्तियों के खाता से दस-दस हजार रुपये निकाल अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर निकाल लेता था। यह कार्य वह पिछले लगभग छह माह से कर रहा है। उसने दो लाख रुपये निकालने की बात स्वीकार की। पुलिस के पीछे लगने पर वह फरार हो गया।

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