एक बैंक और 60 हजार खाताधारक

By Edited By: Publish:Sun, 08 Apr 2012 07:47 PM (IST) Updated:Mon, 09 Apr 2012 12:17 AM (IST)
एक बैंक और 60 हजार खाताधारक

अहरौला(आजमगढ़): स्थानीय कस्बे के मतलूबपुर स्थित यूबीआई की शाखा 'एक अनार सौ बीमार' की कहावत को चरितार्थ कर रहा है। अपने ही पैसे के लेन-देन के लिए उपभोक्ताओं को तमाम परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।

जानकारी के अनुसार इस बैंक के क्षेत्र में अहरौला, हांसापुर, पकड़ी, भोगइचा, उदैना, मतलूबपुर, आलमपुर, दनियालपुर, मुबारकपुर, बाकरकोल, अरुसा सहित 16 गांवों के लगभग 60 हजार खाताधारक हैं। इसमें व्यापारी, पेंशनर, जॉबकार्डधारक, वेतन, छात्रवृत्ति, ब्लाक आदि खाताधारक हैं। प्रतिदिन 15 से 20 लाख का लेनदेन किया जाता है। दूर-दराज से आये बूढ़े, नौजवान, महिलाओं को सुबह से शाम तक बैंक संबंधी कार्यो के लिए इंतजार करना पड़ता है। कम जगह और लोगों की भीड़ होने के कारण जहां जाड़े में गर्मी का अहसास होता है वहीं जेबकतरों के अलावा बाहर खड़ी साइकिल व बाइक के गायब होने की हमेशा आशंका बनी रहती है।

शाखा प्रबंधक सुबाषचंद्र अरोरा द्वारा ऋण सेवा बंद करने से जरुरत के लिए कर्ज लेने वालों को बैंक का चक्कर लगाते देखा जा सकता है। कैशियर का काम लिपिक देख रहा है। दो स्टाफ की कमी होने से और भी दिक्कत बढ़ जाती है। छात्र-छात्राओं को डीडी,चेक आदि बनवाने में नाकों चने चबाना पड़ता है। भीड़ के कारण आयेदिन परेशान बैंक कर्मियों व उपभोक्ताओं में झड़प होता है।

नहीं लग सका सीसी कैमरा

अहरौला(आजमगढ़): एक गार्ड के जिम्मे बैंक की सुरक्षा व्यवस्था है। सीओ बूढ़नपुर बबलू कुमार के निर्देश के बाद भी सीसी कैमरा नहीं लग सका। बाहर लगे हैंडपंप के खराब होने के कारण लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ता है। बैंक के एटीएम में पैसा न होने की शिकायत आम बात है। सड़क किनारे खड़ी साइकिल व बाइक की संख्या देख किसी स्टैंड से कम नहीं दिखता। अनिल सिंह, पिंटू सिंह, कामरेड त्रिलोकीनाथ, ज्ञानचंद, राजाराम यादव, विनोद जायसवाल आदि ने कस्बे में एक और बैंक खोले जाने की मांग किया है।

फरिहां में खुले बैंक शाखा

फरिहां (आजमगढ़): विकास खंड रानी की सराय अंतर्गत फरिहां बाजार में राष्ट्रीयकृत बैंक ने होने से व्यापारियों सहित आमजन को भी काफी परेशानी होती है। लोगों को लेनदेन के लिए 8 किमी दूरी तय कर निजामाबाद या फिर रानी की सराय जाना पड़ता है। एटीएम के लिए तो सरायमीर बाजार की शरण लेनी पड़ती है। विदेश में रहने वाले इस क्षेत्र के काफी संख्या में लोगों को घर पैसा भेजने का दंश झेलना पड़ता है।

डॉ. इमरान, डॉ. इरफान, किशोरीलाल, सोफियान अहमद, शमीम अहमद, राजेंद्र यादव, मो.सालिम आदि लोगों ने बैंक शाखा खोले जाने की मांग किया है।

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