विराट था राहुल सांकृत्यायन का व्यक्तित्व

आजमगढ़ : राहुल सांकृत्यायन स्मृति केंद्र के तत्वावधान में शनिवार की शाम महापंडित राहुल सांकृत्यायन क

By Edited By: Publish:Sun, 24 May 2015 07:14 PM (IST) Updated:Sun, 24 May 2015 07:14 PM (IST)
विराट था राहुल सांकृत्यायन का व्यक्तित्व

आजमगढ़ : राहुल सांकृत्यायन स्मृति केंद्र के तत्वावधान में शनिवार की शाम महापंडित राहुल सांकृत्यायन की पुरातात्विक यात्राएं विषयक संगोष्ठी का आयोजन नेहरू हाल में किया गया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि प्रदेश के गन्ना आयुक्त व जनपद के विकास नोडल अधिकारी सुभाष चंद्र शर्मा उपस्थित थे।

श्री शर्मा ने कहा कि राहुल सांकृत्यायन का व्यक्तित्व व कृतित्व अति विराट था। हिंदी साहित्य के अब तक के अछूते प्रसंगों के संबंध में उन्होंने जैसी गवेष्णा की है वह बेजोड़ है। पुरातात्विक यात्राएं उनके लिए हावी थे। हिमालय के सुदूर अंचलों से लेकर तिब्बत और मध्य एशिया के दुर्गम स्थलों की यात्राएं कर उन्होंने वहां के पुरातात्विक महत्व को हिन्दी साहित्य में स्थान दिया। इतना ही नहीं उन्होंने अपने जनपद की एक पुरातात्विक यात्रा 1959 में की थी।

इसका विवरण आज हमें उपलब्ध है। डा. द्विजराम यादव और जगदीश प्रसाद बर्नवाल कुंद ने ¨बदुवार राहुल जी की पुरातात्विक खोज का विवरण प्रस्तुत किया। संस्था के अध्यक्ष अमरनाथ तिवारी ने राहुल की कतिपय अप्रकाशित पुस्तकों का हवाला देते हुए कहा कि नेपाल का इतिहास उनकी पुरातात्विक संबंधी एक विशिष्ट रचना है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि संस्था द्वारा सम्मान पत्र, अंगवस्त्रम व पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर संजय कुमार पांडेय, आशा ¨सह, विनम्र सेन ¨सह ने काव्य पाठ किया। इस अवसर पर डा. श्रीनाथ सहाय, डा. अशोक कुमार श्रीवास्तव, नगर पालिका अध्यक्ष इंदिरा देवी जायसवाल, गिरीश चतुर्वेदी, अभिषेक पंडित, ममता पंडित, अर¨वद पाठक, निशीथ तिवारी, मनोज राय आदि ने विचार व्यक्त किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. कन्हैया ¨सह व संचालन संस्था के महामंत्री प्रभुनारायण पांडेय प्रेमी ने किया।

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