बाढ़ के पानी पानी से घिरे गांव, धंसने लगी सड़क

जागरण टीम औरैया समय रहते सतर्कता न बरतने की वजह से बारिश का पानी ग्रामीणों के लिए पर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 11:26 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 11:26 PM (IST)
बाढ़ के पानी पानी से घिरे गांव, धंसने लगी सड़क
बाढ़ के पानी पानी से घिरे गांव, धंसने लगी सड़क

जागरण टीम, औरैया: समय रहते सतर्कता न बरतने की वजह से बारिश का पानी ग्रामीणों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। बारिश के पानी से कई गांव, कस्बे व मुख्य मार्ग घिर गए हैं। जिस कारण दिक्कतें और बढ़ी है। इटावा-औरैया के बीहड़ पट्टी को जोड़ने वाला गढ़ा कासदा गांवा मार्ग पर बाढ़ का पानी भर जाने से आवागमन ठप हो गया है। इसके अलावा सिकरोड़ी गांव स्थित मार्ग की सड़क कई जगह से धंस गई है। वहीं अयाना थाना क्षेत्र के असेवा व फरिहा गांव में ज्यादातर घर पानी से घिरे हैं। बुधवार को एसडीएम अजीतमल विजेता ने नाव से गांवों का निरीक्षण करते हुए बाढ़ से प्रभावित मार्गों व गांवों पर नजर डाली। इस दौरान पूरा प्रशासनिक अमला मौजूद रहा।

श्रावण मास के पहले सोमवार से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। लगातार आठ दिन जिले में रह-रहकर बारिश होती रही। कुछ दिन बादल जमकर बरसे। ऐसे में यमुना और पांडू नदी में जलस्तर बढ़ गया है। इसके अलावा माइनर, तालाब उफान पर होने से बारिश का पानी गांव व कस्बों में भर गया है। जिस कारण ग्रामीणों की दुश्वारियां बढ़ गई है। असेवा व फरिया गांव के हालात ज्यादा ही खराब हैं। जिस वजह से गांव में रह रहे लोग सुरक्षित ठिकाना तलाशते नजर आ रह हैं। दोनों गांव में करीब आधा सैकड़ा परिवार रहते हैं। इसमें कुछ लोगों ने गांव को छोड़ दिया है। बुधवार को इन गांवों में बाढ़ का मुआयना एसडीएम अजीतमल विजेता ने तहसील की टीम के साथ किया। इस दौरान लोक निर्माण व सिचाई विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। इटावा-औरैया के बीहड़ पट्टी को जोड़ने वाला गढ़ा कासदा मार्ग बाधित होने से आवागमन ठप है। इस बाबत एसडीएम ने राहत कार्य शुरू कराए जाने का निर्देश राजस्व की टीम को दिया है।

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सिकरोड़ी गांव के संपर्क मार्ग का किनारा धंसा:

बाढ़ के पानी से अजीतमल कोतवाली क्षेत्र के सिकरोड़ी गांव का संपर्क मार्ग भी बाधित हुआ है। सड़क किनारे का हिस्सा धंस जाने से सफर खतरनाक हो चुका है। एसडीएम विजेता का कहना है कि बाढ़ की वजह से प्रभावित गांवों व कस्बों के साथ खेतों में भरे पानी पर नजर डाली गई है। ग्रामीणों को सुरक्षित किए जाने की कवायद शुरू करा दी गई है। इसके अलावा धंसी सड़क को दुरुस्त कराने का निर्देश लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को दिया है।

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दहशत में ग्रामीण, सुरक्षित ठिकाना तलाशने में जुटे:

बारिश व बाढ़ का पानी नासूर बन चुका है। ऐसे में खुद को सुरक्षित करने की कवायद ग्रामीणों ने शुरू की है। लगातार बढ़ रहे बाढ़ के पानी की वजह से ग्रामीण दहशत में हैं। बुधवार को प्रभावित गांवों के ज्यादा लोगों ने बोरियां-बिस्तर समेटते हुए खुद को सुरक्षित किया। उधर, प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि जलनिकासी के रास्तों को दुरुस्त कराया जा रहा है। जैसे-तैसे स्थिति सामान्य हो, इस दिशा में प्रयास जारी हैं।

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