21 साल बाद भी नहीं क्षेत्रवासियों के लिए रोडवेज बस

संवाद सूत्र,अछल्दा (औरैया) : संसाधनों के अभाव में 21 वर्ष जिले को दर्जा प्राप्त होने के बाबजूद भी ि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 06:07 PM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 06:07 PM (IST)
21 साल बाद भी नहीं क्षेत्रवासियों के लिए रोडवेज बस
21 साल बाद भी नहीं क्षेत्रवासियों के लिए रोडवेज बस

संवाद सूत्र,अछल्दा (औरैया) : संसाधनों के अभाव में 21 वर्ष जिले को दर्जा प्राप्त होने के बाबजूद भी जिला मुख्यालय के लिए कोई भी बसें न होने से क्षेत्रवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोगों को घंटों समय बर्बाद करके चौगुना किराया खर्च करके पहुंचना पड़ता है। फिर भी समय से नहीं पहुंच पाते हैं।

17 सितम्बर 1997 को औरैया को जिले का दर्जा दिया गया था। तब से इक्कीस वर्ष पूरे होने के बाबजूद भी जिला मुख्यालय ककोर व औरैया को डायरेक्ट बसों की सुविधा रोडवेज विभाग से नहीं मिल सकी।

अछल्दा से औरैया 30 किलो मीटर, ककोर मुख्यालय 32 किलो मीटर की यात्रा तीन घंटे में बसों से तय करनी पड़ रही है। क्योंकि डायरेक्ट बस कोई जाती नहीं है। प्राइवेट बसों व टैंपों से अधिक पैसे खर्च कर समय से फिर भी नहीं पहुंच पाते हैं। जनपद के लास्ट बार्डर एरवाकटरा से औरैया मुख्यालय की दूरी 65 किलोमीटर की है। वहां से भी मुख्यालय के लिए कोई डायरेक्टर बसों का साधन नहीं है। बसों के संशाधनों के अभाव में समय से नहीं पहुंचा जा सकता है। वैसे तो रेलवे स्टेशन अछल्दा है जहां से ट्रेनों के माध्यम से दिबियापुर पहुंचकर मुख्यालय ककोर व औरैया पहुंचते हैं। लेकिन ट्रेन हर समय नहीं चलती हैं। उसका एक मात्र साधन बसें ही पर्याप्त मात्रा में डायरेक्ट उपलब्ध कराई जाए। क्षेत्रवासियों की मांग पर वीते वर्षो रहे तत्कालीन जिलाधीकारी सुरेश चंद्र शर्मा ने प्राइवेट बस घटियाघाट यूनियन की बसों को डायरेक्ट औरैया तक चलवाया गया था। लेकिन कुछ माह चलने के बाद बंद हो गई थी। जो आज तक नहीं चल सकी हैं।

नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश पोरवाल, पूर्व चेयरमैन शेलेंद्र गुप्ता, प्रेम नरायन दुबे, निरकार कौशल, मनोज यादव, देवेंद्र यादव, रमन सेंगर,चंद्र प्रकाश गुप्ता, मनोज गुप्ता, भुवनेश त्रिपाठी सभासद, सौरभ शाक्य, राज कुमार बाथम, विकास गुप्ता आदि लोगों ने रोडवेज बस संचालित कराए जाने की मांग की है।

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