कागजों में पूरी बिजली, धरातल पर सिर्फ अव्यवस्था
जागरण संवाददाता औरैया सरकार ने किसानों को समुचित लाभ देने के लिए ग्रामीण अंचलों में नलकू
जागरण संवाददाता, औरैया: सरकार ने किसानों को समुचित लाभ देने के लिए ग्रामीण अंचलों में नलकूप संचालन के लिए नए 13 फीडर बनवाए। लेकिन, किसानों को शेड्यूल के अनुसार बिजली नहीं मिल रही है। जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। समय से पानी न मिलने की वजह से उनकी खरीफ की फसलें समय से बोआई करने में दिक्कतें आएंगी। धान की बेल तैयार करने का समय भी आ गया है। बिजली आपूर्ति चार-पांच घंटे ही हो रही है। निजी नलकूपों को 10 घंटे बिजली देने का शेड्यूल बनाया गया है। इसमें सुबह पांच से शाम पांच बजे के मध्य आपूर्ति होनी चाहिए। लेकिन ज्यादातर फीडरों पर टुकड़ों में आपूर्ति दी जा रही है। दिन में चार घंटे बिजली आ गई तो रात में सप्लाई दी जाती है। जिसका कोई समय निश्चित न होने से किसानों को परेशानी उठानी पड़ती है। इतना ही नहीं कई फीडर बिजली न मिलने की वजह से शोपीस बने हैं।
किसानों की प्रतिक्रिया:
भड़ारीपुर निवासी अखिलेश शर्मा का कहना है कि जून के दूसरे पखवारे में धान की पौध डालने के लिए पानी की जरूरत रहती है। अन्य फसलों की अपेक्षाकृत धान में पानी की ज्यादा जरूरत रहती है। ऐसे में 10 घंटे लगातार आपूर्ति मिले तो भला हो सकता है। (फोटो-4)
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ककोर क्षेत्र के किसान मनोज कुमार का कहना है कि कोरोना की वजह से वैसे भी हाल बेहाल हैं। बाकी की कसर बिजली पूरी कर रही है। बिजली के लिए कई-कई बार खेतों पर चक्कर लगाने पड़ते है। पता ही नहीं रहता कि कब आएगी, कितने समय चली जाएगी। आपूर्ति आ भी गई तो इतने वोल्टेज कम होंगे कि मोटर चलेगी ही नहीं। (फोटो-5)
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जिले में संचालित नलकूप फीडर उपकेंद्र----------- फीडर
आनेपुर---------- शहाब्दा, नसीराबाद, खरका
भगौतीपुर---------- जौरा
ककोर---------- इकौरापुर, जौंरा द्वितीय
अजीतमल---------- रमपुरा, अनंतराम
अयाना---------- नबादा, बीजलपुर
दिबियापुर---------- सोनी हरचंदपुर, रुरुगंज, सलेमपुर -------------
कहते हैं जिम्मेदार..
जिले में इस समय तेरह फीडर संचालित हैं। नोडल अधिकारियों को शेड्यूल के अनुसार आपूर्ति के निर्देश दिए गए हैं। गर्मी के समय में लोड अधिक होने से लाइन में फाल्ट की वजह से बाधा उत्पन्न हो सकती है। -संतोष कुमार, अधिशासी अभियंता