बागड़िया समाज की महिलाओं को नहीं मिला रहा योजनाओं का लाभ

संवाद सहयोगी, बिधूना : शराब की लत के चलते असमय ही मौत के आगोश में समाई 2 दर्जन से अधिक बाग

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Oct 2018 11:41 PM (IST) Updated:Wed, 24 Oct 2018 11:41 PM (IST)
बागड़िया समाज की महिलाओं को नहीं मिला रहा योजनाओं का लाभ
बागड़िया समाज की महिलाओं को नहीं मिला रहा योजनाओं का लाभ

संवाद सहयोगी, बिधूना : शराब की लत के चलते असमय ही मौत के आगोश में समाई 2 दर्जन से अधिक बागड़िया परिवारों की महिलाएं के लिए प्रशासन की योजनाएं बेमानी साबित हो रहीं हैं। वहीं उनके परिवारों के सामने भरण-पोषण का संकट पैदा हो गया है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कई बार उनको शराब का धंधा बंद कर अन्य कार्यों को करने के लिए प्रेरित किया गया। लेकिन बेबस महिलाएं आज भी शराब के धंधे में लिप्त हैं।

नगर पंचायत का आदर्श नगर मोहल्ले को जनपद में शराब बनाने के अड्डे के रूप में जाना जाता है। बताया जाता है कि इस मोहल्ले में ज्यादातर बागड़िया समाज के लोग राजस्थान से आकर बस गए थे। यहां पर इन लोगों ने जमीन जायदाद भी अर्जित की लेकिन शराब बनाने के धंधे में लिप्त होने और शराब का पुरुषों द्वारा स्वयं सेवन किए जाने से पुरुष समाज के ज्यादातर लोग असमय ही काल के गाल में समा गए। वर्तमान समय में दो-चार को छोड़कर करीब 2 दर्जन से अधिक महिलाएं बेवा जीवन व्यतीत कर रहीं हैं। जबकि वह कच्ची अवैध शराब बेंचकर अपने परिवारों का भरण-पोषण करती हैं। महिलाओं का कहना है कि उनकी पुरखों की लगभग 40 बीघा जमीन पर दबंगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है। महिलाओं का कहना है कि उन्हें किसी प्रकार की सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। 2-4 को छोड़कर ज्यादातर को आवास की सुविधाएं भी मुहैया नहीं कराई गई हैं। महिलाओं ने अधिकारियों से उन्हें कोई रोजी-रोजगार की व्यवस्था कराए जाने की मांग की है।

उपजिला अधिकारी प्रवेंद्र कुमार ने कहा कि उन्होंने नगर पंचायत प्रशासन से पीड़ित परिवारों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाए जाने के लिए कहा है।

आदर्श नगर निवासी विमला देवी, पान देवी, भूरी देवी, तारा देवी आदि बेवाओं ने कहा कि वह नई पीढ़ी को शराब की लत से बचाने के लिए पूरा प्रयास कर रही हैं और उसे शिक्षित बना रही हैं।

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