आपसी सुलह समझौते से लोक अदालत में तय हुए 4871 मामले

जागरण संवाददाता औरैया जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को आयोजित की गई र

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Jul 2021 11:13 PM (IST) Updated:Sat, 10 Jul 2021 11:13 PM (IST)
आपसी सुलह समझौते से लोक अदालत में तय हुए 4871 मामले
आपसी सुलह समझौते से लोक अदालत में तय हुए 4871 मामले

जागरण संवाददाता, औरैया: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को आयोजित की गई राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह समझौते के आधार पर 4871 मुकदमे निस्तारित किए गए। सर्वाधिक मामले मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय से तय हुए। करीब साढ़े चार लाख रुपये अर्थदंड भी वसूला गया। मोटर दुर्घटना क्लेम वाद, परिवार न्यायालय व राजस्व के मामले भी निस्तारित किए गए।

प्राधिकरण सचिव दिवाकर कुमार ने बताया कि जिला जज डा. दीपक स्वरूप सक्सेना की अध्यक्षता व मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की मौजूदगी में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों ने 1938 मुकदमे तय किए। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के मंजीत सिंह ने 54 क्लेम तय कर पीड़ितों को 97.25 लाख रुपये प्रतिकर एवार्ड किया। प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय रनंजय कुमार वर्मा ने 70 वाद तय किए। अपर जिला जज फास्ट ट्रेक सुनील कुमार सिंह ने 479 मामले तय किए। सिविल जज जूनियर डिवीजन मेहर जहां ने 112, अपर सिविल जज बिधूना ने 608 मामले निस्तारित किए। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जीवक कुमार सिंह ने 540 मामले निस्तारित किए। सर्वाधिक 4,34,400 रुपये अर्थदंड भी वसूला। इसमें 206 मोटर यान के चालान भी तय हुए। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रियल शर्मा ने 56, जिला जज ने छह, एडीजे राजेश चौधरी ने तीन, एडीजे मीनू शर्मा ने छह, स्वप्ना सिंह ने चार मामले निपटाए। सभी बैंकों व विभिन्न विभागों ने न्यायालय परिसर में विशेष कैंप लगाकार छूट के आधार पर मामले निपटाए। बिजली विभाग के अधिवक्ता भूकेश कुमार के अनुसार 479 मामले तय किए गए। अधिवक्ता शिवम शर्मा ने बताया कि राजस्व विभाग के 2806, बैंक से संबंधित 90, भारत संचार निगम के 37 वाद तय हुए।

एक पौधा जरूर लगा करें धरा को हरा-भरा

जनपद न्यायालय में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में पहुंचे न्यायमूर्ति ने परिसर में पौधा रोपित भी किए। उन्होंने कहा कि हम सभी को अपने जीवन में एक पौधा रोपित कर उसे पोषित करने का संकल्प लेना चाहिए। प्रकृति का श्रृंगार पौधों से ही है। पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे बेहद जरूरी हैं। एक पौधा सैकड़ों वर्ष तक हमें शुद्ध वायु, शीतल छाया व फल प्रदान करता है। पौधारोपण के समय साथ में न्यायिक अधिकारी व अधिवक्ता मौजूद रहे।

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