अमरोहा में गौतम नगर का नाम इस्लाम नगर करने पर विवाद, दस पर कार्रवाई

अमरोहा के नौगावां में दुकान पर लिखा मुहल्ले का विवादित नाम पुलिस प्रशासन ने मिटवा दिया। नाम को लेकर माहौल बिगाडऩे की कोशिश की गई थी।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Publish:Tue, 06 Feb 2018 07:39 PM (IST) Updated:Wed, 07 Feb 2018 10:04 AM (IST)
अमरोहा में गौतम नगर का नाम इस्लाम नगर करने पर विवाद, दस पर कार्रवाई
अमरोहा में गौतम नगर का नाम इस्लाम नगर करने पर विवाद, दस पर कार्रवाई

अमरोहा, [स्पेशल डेस्क]। नौगावां सादात में एक मोहल्ले के नाम को लेकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई। मुहल्ला गौतम नगर का नाम इस्लाम नगर करने की चर्चा को हवा दी गई। इसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने दोनों पक्ष के 10-10 लोगों को पांच-पांच लाख रुपये के मुचलकों पर पाबंद कर दिया। इसके साथ ही बिना अनुमति के विवादित नाम का बोर्ड लगाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।

सरकारी अभिलेखों में कस्बा नौगावां सादात में मोहल्ला बुध बाजार दर्ज है। इस मोहल्ले में एक ओर मुस्लिम जबकि दूसरी ओर हिन्दू आबादी रहती है। एक समुदाय के लोगों ने अपने इलाके को इस्लामनगर कहना शुरू कर दिया जबकि दूसरे समुदाय ने मोहल्ले का नाम गौतमनगर दे दिया। एक समुदाय के कुछ लोगों ने गली में स्थित कुछ दुकानें दूसरे समुदाय के हाथ बेच दी हैं। इन लोगों ने दुकान के बाहर लगाए गए बोर्ड पर भी इस्लाम नगर लिख दिया। इससे बाहर से आने वाले लोगों को गौतमनगर को लेकर भ्रम पैदा होने लगा। इसकी जानकारी कुछ अराजक तत्वों को लगी। इसके चलते उन्होंने इस मुद्दे को तूल देने का प्रयास शुरू कर दिया। दोनों पक्ष के लोगों को भड़काने की कोशिश की गई। इस सूचना पर हरकत में आए पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर पड़ताल की। दोनों पक्ष की सहमति से एक समुदाय की बस्ती में स्थित जिन दुकानों पर इस्लामनगर लिखया गया था उसे पुतवा दिया गया।

इस मामले पर नौगावां सादात के एसडीएम संजय कु्मार सिंह का कहना है कि सरकारी अभिलेखों में मोहल्ले का नाम बुध बाजार है। कुछ लोग माहौल खराब करने के लिए इस मुद्दे को तूल दे रहे थे। दोनों पक्ष के 10-10 लोगों को पांच-पांच लाख रुपये के मुचलकों पर पाबंद कर दिया गया है। अब दोनों समुदायों के बीच तनाव जैसी कोई बात नहीं है।

हाल ही में यूपी के कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान दो पक्ष आमने सामने आ गए थे जिसमें चंदन गुप्ता नाम के एक युवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले ने तूल पकड़ लिया और दो समुदायों को आपस में लड़ाने की कोशिश भी की गई। इस मामले पर एक से बढ़कर एक राजनीतिक बयान आए। ताजा बयान में समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल ने कहा कि कासगंज में हिन्दू की गोली से हिन्दू की मौत हुई है। जबकि पुलिस की एफआईआर में सलीम की गोली से चंदन की मौत हुई ये लिखा गया है। इस मामले पर अभी भी राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही है। 

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