मर गई संवेदना और सज गई चिता

अभिषेक कुमार, अमरोहा : चिकित्सक को धरती का भगवान कहा जाता है। जब कभी इस भगवान की संवे

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Sep 2017 11:25 PM (IST) Updated:Thu, 07 Sep 2017 11:25 PM (IST)
मर गई संवेदना और सज गई चिता
मर गई संवेदना और सज गई चिता

अभिषेक कुमार, अमरोहा : चिकित्सक को धरती का भगवान कहा जाता है। जब कभी इस भगवान की संवेदना मरी तो किसी ने किसी की चिता सज गई। ऐसा ही कुछ गुरुवार की भोर में जिला संयुक्त अस्पताल में हुआ। यहां तैनात चिकित्सक ने हादसे में गंभीर रूप से घायल मरीज के साथ पूरी संवेदनहीनता बरती। यहीं नहीं उसे एएलएस (एडवांस लाइफ सपोर्ट) की भी सुविधा नहीं दी, जबकि इसके लिए 108 एंबुलेंस कर्मियों ने चिकित्सक को टोका भी था। मगर वह नहीं माने और बाद में उसे 108 से मेरठ भेज दिया।

हुआ यूं कि मुरादाबाद-दिल्ली नेशनल हाईवे पर पर डिडौली कोतवाली थाना क्षेत्र के हरियाना गांव के समीप बुधवार की रात को बुलट सवार तीन दोस्तों को ट्रक ने रौंद दिया था। जिसमें एक की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि डायल 100 की टीम ने दो को गंभीर हालत में जिला संयुक्त अस्पताल पहुंचाया था। ट्रामा सेंटर में मौजूद कर्मचारियों ने इमरजेंसी मेडिकल आफिसर (ईएमओ) डॉ. शशांक बस्सी को फोन करके बुलाया। ट्रामा सेंटर में रात की ड्यूटी होने के बाद भी चिकित्सक घर पर सो रहे थे। घटना बड़ी होने के कारण आनन-फानन में वह भाग कर आए। उन्होंने पहले वसीम पुत्र सूखा अली निवासी अम्हड़ा थाना डिडौली का इलाज शुरू किया। उसके सिर फटा हुआ था। सिर पर पट्टी करने के बावजूद खून निकल रहा था। उन्होंने तत्काल उसे मेरठ मेडिकल कालेज को रेफर कर दिया। इसके लिए 108 को फोन पर बुलाया गया। मौके पर पहुंचे ईएमटी राजीव और ड्राईवर दिनेश कुमार ने मरीज की हालत देख चिकित्सक से एएलएस से मेरठ भेजने को कहा। आरोप है कि इस पर उन्होंने अपने को चिकित्सक होने का हवाला देते हुए दोनों को फटकार लगा दी। यह नजारा वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने भी देखा। इसके बाद कर्मचारी 108 एंबुलेंस से वसीम को लेकर मेरठ के लिए निकले। जोया पहुंचते ही वसीम के परिजनों ने कर्मियों से घायल को प्राइवेट अस्पताल में ले जाने को कहा। मगर कर्मियों ने मना कर दिया। ऐसे में परिजन उसे अपनी गाड़ी से लेकर निकल पड़े लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।

इस घटना की खबर नोडल अधिकारी डॉ. दिनेश खत्री को दे दी गई है। यह पहला वाकया नहीं है इस तरह से दो घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। इसमें एएलएस का प्रयोग नहीं किया गया। इसकी भी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई है। दीपक ¨सह, जिला कोआर्डिनेटर 108 व 102

यह घटना मेरे संज्ञान में है। इसके लिए डॉ. बस्सी से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। इस मामले की जांच भी कराई जा रही है। अगर लापरवाही मिली तो कार्रवाई की जाएगी। इस बारे में पहले भी कई बार डॉक्टरों को टोका जा चुका है। अगर सरकार ने सुविधा दी है तो उसका इस्तेमाल करें। डॉ. राम निवास, सीएमएस

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