लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी के खास रहे सुरेंद्र सिंह की हत्या, बेटे ने कांग्रेस समर्थकों पर लगाया आरोप

लोकसभा चुनाव में सुरेंद्र सिंह ने स्मृति ईरानी के चुनाव प्रचार में बड़ा रोल निभाया था। सुरेंद्र सिंह का प्रभाव कई गांव में है जिसका फायदा स्मृति ईरानी को चुनाव प्रचार में मिला।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sun, 26 May 2019 08:14 AM (IST) Updated:Sun, 26 May 2019 08:22 PM (IST)
लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी के खास रहे सुरेंद्र सिंह की हत्या, बेटे ने कांग्रेस समर्थकों पर लगाया आरोप
लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी के खास रहे सुरेंद्र सिंह की हत्या, बेटे ने कांग्रेस समर्थकों पर लगाया आरोप

अमेठी, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 में अमेठी से स्मृति ईरानी की जीत का जश्न अभी थमा भी नहीं था कि शनिवार रात बदमाशों ने उनके करीबी रहे बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान और भाजपा कार्यकर्ता सुरेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। घायल पूर्व प्रधान को पहले इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। लखनऊ ले जाते वक्त सुरेंद्र सिंह ने दम तोड़ दिया।

सूचना मिलने पर नवनिर्वाचित सांसद स्मृति ईरानी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व मंत्री मोहसिन रजा समेत कई बड़े भाजपा नेता पूर्व प्रधान के घर पहुंचे और परिवारीजन को ढांढस बंधाया। स्मृति ने कहा कि परिवार की पूरी जिम्मेदारी अब हमारी है। यह मेरी लड़ाई है, मैं इसे तब तक लडूंगी जब तक हत्यारों को फांसी नहीं मिल जाएगी। जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट तक जाऊंगी। उन्होंने कहा कि जिसकी वजह से हत्या हुई है वह अब कभी अमेठी नहीं आ पाएगा। इधर, लखनऊ में पोस्टमॉर्टम के बाद शव गांव पहुंचा तो अंतिम यात्रा में स्मृति ने घर से श्मशान तक पूर्व प्रधान की अर्थी को कांधा दिया। 

इस मामले में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि अमेठी में कल देर रात पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में सात संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है। बरौलिया के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में कुछ अहम सबूत मिल गए हैं। अभी पड़ताल चल रही है और हमको भरोसा है कि अगले 12 घंटें में हम दोषी को पकडऩे में सफल रहेंगे। उन्होंने कहा कि वहां पर कानून-व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए तीन कंपनी पीएसी तैनात की गई है। 

केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के बेहद करीबी गौरीगंज तहसील क्षेत्र के बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की कल देर रात अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या के पीछे चुनावी रंजिश वजह बताई जा रही है। गांव में शांति व्यवस्था के मद्देनजर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है। मामले में पुलिस ने कई लोगो को हिरासत में लिया है। 

बीते लोकसभा चुनाव में सुरेंद्र सिंह ने स्मृति ईरानी के चुनाव प्रचार में बड़ा रोल निभाया था। सुरेंद्र सिंह का प्रभाव कई गांव में है जिसका फायदा स्मृति ईरानी को चुनाव प्रचार में मिला। सुरेंद्र सिंह कल स्मृति ईरानी की जीत का जश्न मनाकर घर लौटे थे। ग्रामीणों के अनुसार देर रात दो बाइक सवार चार हमलावर आये और पूर्व प्रधान को घर से बुलाया। जैसे ही वह बाहर आये बदमाशों में उनके सर से सटा कर गोली मार दी। इसके बाद हमलावर मौके से फरार हो गए।

ग्रामीण उन्हें जायस पीएचसी ले गए जहाँ से उन्हें रायबरेली जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां से उन्हें लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर किया गया। लखनऊ ले जाते समय रास्ते मे उनकी मौत हो गई। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस हमलावरों की तलाश में जुट गई है। 

गांव में शांति व्यवस्था के मद्देनजर कई थानों की फोर्स तैनात की गई है। पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि हमलावर की तलाश की जा रही है। कुछ लोगो को उठाया गया है। लगता है कि किसी पुरानी रंजिश में हत्या की गई है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।

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घटना की खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और मामला दर्ज कर इसकी पड़ताल शुरू कर दी है। पुलिस ने इसे लेकर कई लोगों से पूछताछ की है। साथ ही हत्या की वजह पता लगाने की भी कोशिश की जा रही है। शुरुआती तौर पर इसे चुनावी रंजिश से जुड़ा मामला ही माना जा रहा है।

सुरेंद्र सिंह की हत्या को स्मृति ईरानी के चुनाव में बेहद सक्रियता से जोड़ कर भी देखा जा रहा है। सुरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को स्मृति ईरानी की जीत पर बरौलिया में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया था। अमेठी में बरौलिया के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की हत्या से जिले में सनसनी फैल गई है।

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पुलिस ने बार्डर सील कर तलाशी तथा छापामारी का अभियान तेज कर दिया है। स्मृति ईरानी की जीत की खुशी पर मातम छा गया है। गांव में भारी फोर्स तैनात कर दी गई है। पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सुरेंद्र सिंह ने बरौलिया गांव को विकसित करने के लिए गोद लिया था। हाल ही प्रचार के दौरान स्मृति ईरानी ने इसी गांव में जूते बांटे थे।

सुरेंद्र सिंह अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को शिकस्त देने वाली भाजपा नेता स्मृति इरानी के बेहद खास थे। वह अपने गांव बरौलिया के प्रधान रह चुके थे और क्षेत्र में उनका प्रभाव भी था। बरौलिया गांव को विकसित करने की खातिर स्वर्गीय मनोहर पार्रिकर ने गोद लिया था। सुरेंद्र सिंह अमेठी से हाल में लोकसभा चुनाव जीत कर आईं स्मृति ईरानी के काफी करीबी थे।  

सुरेंद्र सिंह भाजपा और स्मृति ईरानी के प्रचार में सक्रियता से लगे थे। उन्होंने अमेठी में राहुल गांधी के सक्रिय न रहने को लेकर टिप्पणी भी की थी। उन्होंने कहा था कि कोई भी ऐसे व्यक्ति को वोट क्यों करेगा जो अपने क्षेत्र में ही नहीं आता है। राहुल बरौलिया गांव में ही तीन वर्ष पहले आए थे और चुनाव में भी वह यहां नहीं आए।

पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार बरौलिया गांव में मृतक पूर्व प्रधान के घर पहुंचे। घटनास्थल का निरीक्षण किया। थानाध्यक्ष से जानकारी ली। एसपी ने कहा कि उन्हें (सुरेंद्र सिंह) 3 बजे रात में गोली मारी गई। हमने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है। जांच जारी है। घटना के पीछे कोई पुरानी रंजिश या राजनीतिक विवाद कारण हो सकते हैं।

बेटे का कांग्रेस पर आरोप

सुरेंद्र सिंह के बेटे अभय ने इस घटना के बारे में मीडिया से कहा कि मेरे पिता घर के बाहर थे और हम लोग अंदर थे। अचानक बाहर गोली चलने की आवाज आई। हम बाहर दौड़ कर आए और देखा कि उनके सिर से काफी खून बह रहा है। हम लोग उन्हें जिला अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने ट्रामा सेंटर रेफर दिया। लखनऊ ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई। अभय ने आगे कहा कि हमने हमलावरों को तो नहीं देखा लेकिन इतना साफ है कि इसमें कांग्रेस पार्टी शामिल है।

मेरे पिताजी ने काफी सक्रियता से स्मृति ईरानी के लिए प्रचार किया था और इस बूथ से बीजेपी को अच्छे वोट भी मिले थे। अभय ने कहा कि मेरे पिता स्मृति ईरानी के प्रचार में चौबीसों घंटे लगे रहते थे। स्मृति ईरानी की जीत के बाद उन्होंने विजय यात्रा भी निकाली थी। मुझे लगता है कांग्रेस कार्यकर्ताओं को यह बात पसंद नहीं आई। हमें कुछ लोगों पर संदेह है।

स्मृति ने इस बार राहुल गांधी को करीब 55 हजार वोट से हराकर कांग्रेस की यह परंपरागत सीट भी छिन ली है। लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को बहुत बुरी हार मिली है। भाजपा यहां 303 सीटों पर विजयी रही, वहीं कांग्रेस का आंकड़ा 52 पर ही सिमट गया।

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