लाल निशान की ओर बढ़ी घाघरा, तटीय क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा
घाघरा नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। 24 घंटे तक स्थिर रही नदी का पानी फिर बढत की ओर है जिससे बाढ़ की आशंका और तेज हो गई है।
अंबेडकरनगर : घाघरा नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। 24 घंटे तक स्थिर रही नदी का पानी फिर बढ़ने लगा है। खतरे के लाल निशान 92.730 मीटर से 15 सेंटीमीटर नीचे 92.580 मीटर पर जलस्तर पहुंच गया है, इससे तटीय क्षेत्रों के ग्रामीणों की धड़कनें बढ़ गई हैं।
सोमवार रात्रि से नदी के जलस्तर में एक बार फिर से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। नदी का पानी काफी धीमी गति से बढ़ रहा है। पिछले 12 घंटों में इसमें सेंटीमीटर वृद्धि दर्ज की गई है। नदी में प्रत्येक वर्ष आने वाली बाढ़ के चपेट में टांडा तहसील के उल्टहवा मांझा, मांझा कला, मांझा चितौरा, केवटला, नसरूल्लापुर, अवसानपुर, नैपुरा, सलोना घाट, ढेलमऊ, डुहिया समेत दर्जनों गांव आते हैं।
टांडा का नेहरूनगर, मेहनिया, अलीगंज उत्तरी समेत कई मुहल्ले भी प्रभावित होते हैं। मांझा उल्टहवा और मांझा कला में स्थिति काफी भयावह रहती है। इसके चलते मांझा समेत नदी के किनारे स्थित गांव के लोगों को अपना घर छोड़कर बाढ़ राहत चौकियों में शरण लेने को विवश होना पड़ता है। नदी का पानी अभी से मांझा क्षेत्र में आबादी के करीब पहुंचने को आतुर है। नेहरूनगर में बह रहा थिरुआ नाले का पानी भी उफान पर है। इसका पानी यहां बिछौटियां के पास आबादी के करीब पहुंचने लगा है।
25 दिन बाद भी नहीं दिखी व्यवस्था: गत दिनों घाघरा नदी के पानी से महरीपुर गांव में हुए कटान को रोकने की व्यवस्था अभी तक नहीं हो सकी है। बारिश और बैराज से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के चलते 29 मई को यहां कटान शुरू हो गया था। अधिकारियों ने उसी दिन यहां का निरीक्षण कर इसे रोकने के लिए अपनी रिपोर्ट बाढ़ खंड अयोध्या को भेजी थी, तब से करीब 25 दिन बीत गए, लेकिन कोई इंतजाम नहीं किया गया। उधर, एसडीएम अभिषेक पाठक ने लोगों को कटान रोके जाने की व्यवस्था कराने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि नदी के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। अभी कहीं कोई समस्या नहीं है। प्रभावित होने वाले गांवों का निरीक्षण किया जा रहा है।
नौ बाढ़ चौकियों पर जारी किया गया अलर्ट
अंबेडकरनगर : टांडा तहसील प्रशासन ने क्षेत्र में चिन्हित नौ बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर पीड़ितों के लिए शरणालय बनाए हैं। जून में हुई भारी बरसात व नेपाल के अलग-अलग बैराजों से छोड़े गए पानी के कारण घाघरा का जलस्तर समय से पहले ही बढ़ रहा है। ऐसे में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए तहसील में बाढ़ नियंत्रण केंद्र स्थापित करते हुए प्राइमरी पाठशाला औसानपुर, महरीपुर, चितौरा, फूलपुर, डुहिया, केवटला, केदारनगर नसरुल्लाहपुर, बिहरोजपुर व जूनियर हाईस्कूल बसखारी को बाढ़ चौकी बनाया गया है। यहां बाढ़ चौकियों पर कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके साथ ही चिन्हित बाढ़ पीड़ित शरणालय पर भी समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। तहसील क्षेत्र में जूनियर हाईस्कूल औसानपुर, ककराही, टीएनपीजी कालेज टांडा, लालता प्रसाद कन्या इंटर कालेज डुहिया, राम नरायन इंटर कालेज अजमेरी बादशाहपुर, जूनियर हाईस्कूल केवटला, जयराम वर्मा बापू स्मारक इंटर कालेज नाउसांडा, किसान उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिहरोजपुर, हीरालाल जायसवाल इंटर कालेज किछौछा को शरणालय बनाया गया है।