अहरिया में गंदगी का अंबार

नगर पालिका अकबरपुर के वार्ड नंबर 10 अहरिया को शहरी दर्जा मिले डेढ़ दशक बीतने के बाद लोग अब तक गांव से बदतर हालात हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 15 May 2022 10:06 PM (IST) Updated:Sun, 15 May 2022 10:06 PM (IST)
अहरिया में गंदगी का अंबार
अहरिया में गंदगी का अंबार

अंबेडकरनगर : नगर पालिका अकबरपुर के वार्ड नंबर 10 अहरिया को शहरी दर्जा मिले डेढ़ दशक बीत गया, लेकिन यहां विकास कोसों दूर है। टूटी सड़कें, नालियों में फैली गंदगी, बिखरे कूड़े से उठती दुर्गंध और बिजली के लटकते तारों का मकड़जाल स्थानीय लोगों की समस्या का कारण बना है। करीब छह हजार की आबादी की जलनिकासी के लिए कोई माकूल व्यवस्था नहीं है। घरों से निकलने वाला पानी कहीं खेतों में तो कहीं तालाबों में जा रहा है। खुली नालियों से संक्रमण का भय बना है। कई मुहल्ले ऐसे भी हैं, जहां खंभे तो लगे हैं, लेकिन उन पर बिजली के तार गायब हैं। बांस-बल्ली के सहारे जुगाड़ से बिजली के तार घरों तक ले गए हैं। ऐसे में हमेशा अनहोनी का अंदेशा बना रहता है। वार्डवासी सुगम राहों का सपना संजोए हैं।

प्रमुख समस्याएं

-वार्ड में साफ-साफाई का अभाव, हफ्ते में होती है सफाई।

-टूटी और खुली नालियों में जमी गंदगी से संक्रमण का खतरा।

-मुहल्लों की इक्का-दुक्का गलियों को छोड़ बाकी गड्ढों में तब्दील।

-खंभों पर स्ट्रीट लाइट नदारद, अंधेरे के चलते राहगीर हो रहे चोटिल।

-जलनिकासी की माकूल व्यवस्था न होने से बरसात के दिनों में जलभराव की समस्या।

संसू, अंबेडकरनगर: जिला मुख्यालय से करीब चार किलोमीटर दूर जलालपुर मार्ग से अहरिया मुहल्ले को जाने वाली मुख्य सड़क जर्जर है। बजबजाती नालियां और संकरी गलियों में पैदल चलना भी मुश्किल है। यहां अमृत योजना से लगाई गई पानी की टोटियां हमेशा लीक करती हैं। इससे पानी की बरबादी हो रही है। गंजा मुहल्ले में बने सामुदायिक शौचालय के पास कूड़े का ढेर लगा है। कुछ दूरी पर बांस-बल्ली के सहारे गुजरा तार हादसे को दावत दे रहा है। यहां की सड़कें अपना दिन बहुरने का इंतजार कर रही हैं। पिछले 10 सालों में यहां एक भी सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। सम्मोपुर मुहल्ले में घुसते ही बिजली के खंभों पर अनगिनत कटिया कनेक्शन दिख जाते हैं। यहां के नाले का पानी खेतों में जा रहा है, जिससे किसानों की फसलों को नुकसान होता है। आधे मुहल्ले में बिजली के खंभे तो लगे हैं, लेकिन उन पर तार अभी तक नहीं दौड़े हैं।

मुहल्ले की नालियां टूटी हैं। इसमें भरे गंदे पानी की दुर्गंध से परेशान हैं। यदि इन पर पटिया रखवा दी जाए तो आवागमन सुचारु होने के साथ गंदगी से भी छुटकारा मिल जाएगा। नालियों का पानी जिस नाले के सहारे तालाब में जाता है, वह जगह-जगह टूटकर लीक कर रहा है। इससे फसलों में नुकसान हो रहा है। स्ट्रीट लाइटें न होने से दिन ढलने के बाद अंधेरा छा जाता है।

प्रवीण श्रीवास्तव

2007 में हुए विस्तारीकरण में अहरिया को नगर का दर्जा मिला। एक दशक से अधिक समय बीत जाने के बाद भी मुहल्लों की हालत आज भी वैसी ही है, जैसी 10 वर्ष पूर्व थी। यहां की सड़कें या तो कच्ची हैं या फिर गड्ढों में तब्दील हैं। सरकार का सुगम राहों का दावा साकार होता नहीं दिख रहा है।

दुर्गा प्रसाद मिश्र

साफ-सफाई करने के लिए सफाई कर्मी नियमित नहीं आते हैं। इसके चलते मुहल्ले की नालियों में जमे सिल्ट से दुर्गंध आती है। सफाईकर्मी कार्य में लापरवाही बरत रहे हैं। जल निकासी के लिए बनी नालियां टूट चुकी हैं।

राकेश यादव

डूडा कार्यालय के चक्कर लगाकर थक गए हैं। प्रधानमंत्री आवास के लिए तीन बार आवेदन कर चुकी हूं, लेकिन आवास का लाभ नहीं दिया जा रहा है। हर गरीब को घर मुहैया कराने के सरकार के वादे का अधिकारी ही मान नहीं रख रहे हैं।

श्यामलली

टूटी सड़क एवं नालियों समेत अन्य विकास कार्यों के करीब 20 प्रस्ताव निकाय कार्यालय में धूल फांक रहे हैं। वार्ड के विकास के साथ पालिका अध्यक्ष द्वारा सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। कई बार इन मुद्दों को बोर्ड बैठक में भी उठाया जा चुका है। इसके बावजूद वार्ड के विकास की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

रुखसाना खातून, सभासद

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