Coronavirus से जीत ली थी जंग पर फेफड़े की बीमारी ने ली जान Prayagraj News

बेटा स्वस्थ था इसलिए डॉक्टरों ने डिस्चार्ज कर दिया लेकिन पिता को पहले से फेफड़े की बीमारी थी इसलिए पल्मोनरी वार्ड में ट्रांसफर कर दिया। दो दिनों तक इलाज चला और शनिवार को मौत हो गई।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 30 May 2020 09:12 PM (IST) Updated:Sat, 30 May 2020 09:12 PM (IST)
Coronavirus से जीत ली थी जंग पर फेफड़े की बीमारी ने ली जान Prayagraj News
Coronavirus से जीत ली थी जंग पर फेफड़े की बीमारी ने ली जान Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन। 65 वर्षीय जिस मरीज ने कोरोना को मात दी, वह फेफड़े की बीमारी से हार गया। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में कोरोना का इलाज चल रहा था। दो दिन पहले ही उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। फेफड़े की बीमारी होने की वजह से उसे घर नहीं भेजा गया। पल्मोनरी मेडिसिन वार्ड में भर्ती करा दिया जहां शनिवार को अंतिम सांस ली।

15 दिन पहले मुंबई से लौटे थे पिता- पुत्र

बहरिया के चकिया घमौर गांव के रहने वाले दो व्यक्ति (पिता-पुत्र) 15 दिन पहले मुंबई से आए थे। 17 मई को लेवल थ्री एसआरएन अस्पताल के संदिग्ध वार्ड में भर्ती कर सैपंलिंग कराई। 20 मई को रिपोर्ट आई तो दोनों पॉजिटिव आ गए। गुरुवार को दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आई।

रिपोर्ट निगेटिव आने पर पल्‍मोनरी वार्ड किया गया था भर्ती

बेटा स्वस्थ था इसलिए डॉक्टरों ने डिस्चार्ज कर दिया लेकिन पिता को पहले से फेफड़े की बीमारी थी इसलिए पल्मोनरी वार्ड में ट्रांसफर कर दिया। दो दिनों तक इलाज चला और शनिवार को मौत हो गई। कोरोना वायरस के नोडल अधिकारी डॉ. ऋषि सहाय ने बताया कि वह मरीज कोरोना से ठीक हो चुका था उसे फेफड़े की पुरानी बीमारी थी जिससे मौत हो गई। शव परिवार वालों को सौंप दिया गया है। बुजुर्ग की मौत से घर में कोहराम मचा हुआ है। बुजुर्ग की काेरोना वायरस संक्रमण की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद स्‍वजनों को आशा थी कि जल्‍द ही फेफडे की बीमारी ठीक हो जाएगी और घर आ जाएंगे। लेकिन मौत की खबर घर पहुंची तो स्‍वजनों की आंखों से आंसू निकल आए।

कोरोना से मौत होने की अफवाह

एसआरएन अस्पताल में अफवाह फैली की कि कोरोना से मौत हो गई। विभाग ने विज्ञप्ति जारी कर अवगत कराया कि कोरोना नहीं फेफड़े की बीमारी थी जिससे मौत हुई।

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