Women Empowerment: खड़े मसाले के कारोबार से प्रतापगढ़ की महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर

Women Empowerment महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह संजीवनी साबित हो रहा है। पहले जहां महिलाएं मजदूरी करके घर का खर्च चलाती थीं वहीं समूह से जुडऩे के बाद वह कारोबार कर रही हैं। अब तो महिलाएं दूसरों को भी रोजगार से जोड़ रही हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 02:08 PM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 02:08 PM (IST)
Women Empowerment: खड़े मसाले के कारोबार से प्रतापगढ़ की महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर
प्रतापगढ़ के ग्रामीण अंचल की महिलाएं अब खड़ा मसाला का कारोबार करेंगी।

प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के प्रतापगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं आत्‍मनिर्भर बन रही हैं। स्वयं सहायता समूह से जुड़कर जहां महिलाएं बेबी ट्राई साइकिल, आंवले का उत्पाद, जैविक खेती, चप्पल बनाने का काम कर रहीं हैं, वहीं अब एक हजार से अधिक महिलाएं खड़े मसाले का कारोबार शुरू करने जा रही हैं।

महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह संजीवनी साबित हो रहा है। पहले जहां महिलाएं मजदूरी करके घर का खर्च चलाती थीं, वहीं समूह से जुडऩे के बाद वह तरह-तरह का कारोबार कर रही हैं। महज साल भर में ही कारोबार से होने वाली आय से उनकी तकदीर ही बदल गई। अब तो महिलाएं दूसरों को भी रोजगार से जोड़ रही हैं।

कानपुर समेत कई जिलों से मंगाया जाएगा खड़ा मसाला

जिले के गौरा, बिहार, कुंडा व मानधाता सहित अन्य कई ब्लाकों की महिलाएं कानपुर समेत जिलों से खड़ा मसाला मगाएंगी। इसके बाद उस मसाले की सफाई करके उसकी अलग-अलग पैकिंग करेंगी। खड़ी हल्दी, धनिया, दालचिनी, जायफर, तेजपत्ता, जीरा, सहजीरा सहित अन्य मसाले को अलग-अलग वजन में पैकिंग करेंगी। पैकिंग पर समूह का लोगो चस्पा करेंगी। इसके बाद उसकी आसपास के बाजारों में बिक्री करेंगी।

इन मसालों का दाम बाजार की अपेक्षा कम होगा

खास बात यह है कि बाजार की अपेक्षा समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए खड़े मसाले का दाम सस्ता होगा। ऐसे में इसकी अधिक डिमांड भी रहेगी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन विभाग की जिला मिशन प्रबंधक ज्योतिमा ने बताया कि करीब आधा दर्जन ब्लाक की समूह से जुड़ी महिलाएं खड़े मसाले का कारोबार शुरू करने जा रही हैं। इससे उनकी अच्छी खासी आय भी होगी।

50 से 100 ग्राम की होगी पैकिंग

समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए मसाले की पैङ्क्षकग न्यूनतम 50 ग्राम व अधिकतम 100 ग्राम की होगी। पैङ्क्षकग पर दाम भी लिखा रहेगा। निर्धारित मूल्य पर ही इसकी बिक्री होगी। खास बात यह है कि महिलाएं व उनके परिवार के लोग आसपास की बाजार में स्वयं बेचने जाएंगे।

प्रत्‍येक पैकेट पर पांच से 10 रुपये की होगी बचत

खड़े मसाले की प्रत्येक पैकेट के पीछे महिलाओं की पांच से 10 रुपये की आय होगी। बाजार से इसका दाम सस्ता किए जाने से ही इसकी अधिक बिक्री होगी। ऐसे में महिलाओं ने यह निर्णय लिया है कि कम मुनाफे पर ही कारोबार शुरू किया जाएगा।

एक हजार से अधिक महिलाएं जुड़ेंगी कारोबार से

खड़े मसाले का कारोबारी शुरू करने में 100 से अधिक समूहों को शामिल किया गया है। प्रत्येक समूह में 12 महिलाएं होती हैं। ऐसे में कम से कम एक हजार से अधिक महिलाएं पहले फेज में काम शुरू करेंगी। दूसरे फेज में भी महिलाओं को कारोबार शुरू करने का मौका दिया जाएगा।

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