नव सृजित ब्लाक के परिसीमन से ग्रामीण परेशान
ग्रामीणों को किसी कार्य के लिए दूर न जाना पड़े इस परिपेक्ष्य से नया ब्लाक सहसों में बनाने जा रहा है। नव सृजित ब्लाक के परिसीमन से कुछ लोगों में तो खुशी है लेकिन कई ग्रामीणों में मायूसी है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर हम सब का गांव सहसों ब्लाक में शामिल कर दिया गया तो परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
संवाद सूत्र, बहरिया : ग्रामीणों को किसी कार्य के लिए दूर न जाना पड़े इस परिप्रेक्ष्य से नया ब्लाक सहसों में बनाने जा रहा है। नव सृजित ब्लाक के परिसीमन से कुछ लोगों में तो खुशी है लेकिन कई ग्रामीणों में मायूसी है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर हम सब का गांव सहसों ब्लाक में शामिल कर दिया गया तो परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
बहरिया ब्लाक से लगभग 16 किमी दूर के गांव गारापुर, मलाका मय भैसाही, बेरूई, बसमहुआ, कादीपुर, हेतापट्टी, मदारपुर, नीबी खुर्द, लखरांवा, देवरिया, पैगम्बरपुर, धरमपुर धुरवा गांव समेत कई ग्रामीणों को खुशी का ठिकाना न रहा। बहरिया ब्लाक से सटे चैमलपुर, गोरापुर, बकसेड़ा, तुलापुर, सिकंदरा, बजाहीं, दलीपुर गांव सहसों ब्लाक में जोड़ दिए गए हैं। इन गांवों की दूरी सहसों ब्लाक से लगभग 15 किमी. है, लेकिन बहरिया ब्लाक से मात्र दो किमी है। नए ब्लाक के सृजन से जिन गांवों के लोगों का फायदा होना था उनकी समस्या ज्यों की त्यों बनीं हुई है। बोले ग्रामीण : सिकंदरा निवासी दिनेश पांडेय का कहना है कि जन समस्याओं के निस्तारण के लिए सहसों ब्लाक का गठन किया गया, वह इस परिसीमन से बेमानी साबित हो रही है।
तुलापुर निवासी अमरनाथ चौहान ने बताया कि विकास कार्य के लिए 16 किमी दूर सहसों ब्लाक जाना पड़ेगा। अगर सहसों ब्लाक में जोड़ा गया तो हजारों जनता के साथ धोखा है। शासन से कुछ माह पूर्व सिकंदरा एवं अन्य न्याय पंचायतों के बारे में पत्राचार हुआ था, जानकारी शासन को भेज दी है। हमारे पास कोई लिखित जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन, कई गांवों लिए कुछ संशोधन हुआ है।
दिव्या सिंह, खंड विकास अधिकारी बहरिया।