UP Election 2022: बसपा से आए नेताओं पर समाजवादी पार्टी मेहरबान, टिकट वितरण में मिली वरीयता

UP Election 2022 समाजवादी पार्टी ने प्रयागराज संभाग की पांच सीटों पर बसपा से आए नेताओं को टिकट दिया है। हालांकि इससे सपा के पुराने नेता व कार्यकर्ताओं में मायूसी है। उनके बीच के किसी कार्यकर्ता को टिकट नहीं दिया गया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 28 Jan 2022 01:45 PM (IST) Updated:Fri, 28 Jan 2022 01:45 PM (IST)
UP Election 2022: बसपा से आए नेताओं पर समाजवादी पार्टी मेहरबान, टिकट वितरण में मिली वरीयता
up chunav 2022 प्रयागराज संभाग की पांच विधान सभा सीटों पर बसपा से आए नेताओं को सपा ने टिकट दिया।

प्रयागराज, [राजेंद्र यादव]। उत्‍तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2022 को लेकर टिकट वितरण में समाजवादी पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी से आए नेताओं पर मेहरबानी दिखाई है। टिकट वितरण में इन्‍हें वरीयता मिली है। प्रयागराज में तीन और कौशांबी जनपद में बसपा से सपा में आए दो नेताओं को टिकट दिया गया है। ऐसे में सपा में लंबे समय से चुनाव की तैयारी में जुटे कार्यकर्ताओं में काफी मायूसी है। अब इस मायूसी को दूर करने में पार्टी कितने हद तक सफल होती है, इसका तो भविष्‍य में ही पता चलेगा।

हाकिम लाल बिंद से हंडिया से उम्‍मीदवार

समाजवादी पार्टी ने प्रयागराज जिले की पहली जो सूची जारी की, उसमें हंडिया से हाकिम लाल बिंद और सोरांव (सुरक्षित) से गीता पासी को उम्मीदवार बनाया गया। हाकिम लाल बिंद ने 2017 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट से हंडिया से चुनाव लड़ा था और विजयश्री हासिल की थी। पिछले वर्ष अक्टूबर माह में उन्होंने बसपा छोड़ कर सपा का दामन थाम लिया था। उसी समय उन्होंने हंडिया से पुन: चुनाव लडऩे की बात कही थी। पार्टी ने उनकी बात भी मान ली थी और अब उनको इसी सीट से उम्मीदवार भी घोषित किया जा चुका है।

गीता पासी सोरांव सुरक्षित से हैं सपा प्रत्‍याशी

गीता पासी की बात करें तो 2017 में सोरांव (सुरक्षित) से बसपा के टिकट पर मैदान में उतरी थीं। हालांकि, वह पराजित हो गईं, लेकिन दूसरे स्थान पर थीं। कुछ समय बाद उन्होंने बसपा से त्याग पत्र दे दिया और सपा में शामिल हो गईं। वह भी शुरुआत से ही सोरांव से टिकट मांग रही थीं और आखिरकार पार्टी ने भी उनको प्रत्याशी बना दिया।

मंझनपुर सीट से इंद्रजीत सरोज के नाम की मोहर लगी

इसके बाद कौशांबी जनपद की मंझनपुर सीट से इंद्रजीत सरोज के नाम पर मोहर लगाई गई। इंद्रजीत सरोज सपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं। 2017 में वह बसपा के टिकट पर मंझनपुर से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। कुछ समय बाद वे भी सपा में शामिल हो गए थे और अपनी पुरानी सीट से ही टिकट के लिए दावेदारी जता रहे थे।

शहर पश्चिमी की पूर्व विधायक पूजा पाल की चायल से उम्‍मीदवारी

कौशांबी जनपद की ही चायल विधानसभा सीट है। यहां से शहर पश्चिमी की पूर्व विधायक पूजा पाल को टिकट दिया गया है। पूजा पाल विधायक स्व. राजू पाल की पत्नी हैं। 2017 में बसपा के टिकट पर उन्होंने शहर पश्चिमी से चुनाव लड़ा था, लेकिन पराजित हो गईं थीं। जनवरी 2018 में बसपा छोड़कर सपा में शामिल हो गईं थीं। वह प्रयागराज जिले की प्रतापपुर विधान सभा सीट से टिकट मांग रही थीं, लेकिन बाद में चायल से उनको टिकट देने की बात तय हुई। पूर्व विधायक पूजा पाल ने भी सहमति जता दी, जिस पर पार्टी ने उनको यहां से उम्मीदवार बना दिया।

फूलपुर के मुज्‍तबा सिद्दीकी ने बसपा छोड़ सपा का दामन थामा

अब बात करते हैं फूलपुर से घोषित किए गए उम्मीदवार मुज्‍तबा सिद्दीकी की। 2017 में मुज्‍तबा सिद्दीकी प्रतापपुर से बसपा के टिकट पर मैदान में उतरे और जीत भी दर्ज की। पिछले वर्ष अक्टूबर माह में उन्होंने बसपा को छोड़ा और सपा का दामन थाम लिया। उन्होंने भी पार्टी के सामने फूलपुर सीट से चुनाव लडऩे की इच्छा जताई, जिसे पार्टी ने पूरा कर दिया।

पांच सीटों पर बसपा से आए नेताओं को सपा ने दिया टिकट

ऐसे में पांच सीटों पर बसपा से आए नेताओं को टिकट दिए जाने से समाजवादी पार्टी के पुराने नेता व कार्यकर्ताओं में भीतर ही भीतर मायूसी है। वे लंबे से समय चुनाव की तैयारी में लगे थे। टिकट के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए थे। लेकिन उनके बीच के किसी कार्यकर्ता को टिकट नहीं दिया गया। अब इसका असर चुनाव में कितना पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी। साथ ही पार्टी किस प्रकार नाराज कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करेगी, उसके लिए बड़ी चुनौती भी होगी।

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