...तो इसलिए व्‍यापारी छोड़ दे रहे हैं 10 लाख का दुर्घटना बीमा Prayagraj News

अधिकारी डोर-टू-डोर जाकर व्यापारियों को पंजीयन के फायदे बता रहे हैं। इसमें 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर होने की भी बात है। दुर्घटना बीमा का लाभ 25 से 40 साल वालों को ही मिलेगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 04 Feb 2020 07:00 AM (IST) Updated:Tue, 04 Feb 2020 04:11 PM (IST)
...तो इसलिए व्‍यापारी छोड़ दे रहे हैं 10 लाख का दुर्घटना बीमा Prayagraj News
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प्रयागराज, जेएनएन। पंजीयन (रजिस्ट्रेशन) बढ़ाने को लेकर वाणिज्यकर विभाग के अफसर व्यापारियों की चौखट पर दस्तक दे रहे हैं। इससे व्यापारी चौंक रहा है कि उसके यहां सर्वे तो नहीं होने जा रहा है। अफसर भले उन्हें पंजीयन के फायदे बता रहे हैं, लेकिन रिटर्न दाखिल करने के पचड़े में पडऩे से बचने के लिए ज्यादातर व्यापारी 10 लाख रुपये (दुर्घटना बीमा) का लाभ लेने में भी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।

सीएम योगी ने व्यापारियों का पंजीयन बढ़ाने के दिए हैं निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यापारियों का पंजीयन बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए 22 नवंबर से विभाग अभियान चला रहा है। सेमिनार आयोजित किए जा रहे हैं, साथ ही अधिकारी डोर-टू-डोर जाकर व्यापारियों को पंजीयन के फायदे बता रहे हैं। इसमें 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर होने की भी बात है। खास यह कि दुर्घटना बीमा का लाभ 25 से 40 साल के व्यापारी को ही मिलेगा। ऐसे में 40 लाख रुपये सालाना टर्नओवर के दायरे में न आने वाले व्यापारी पंजीयन कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। अभियान के करीब ढाई महीने के नतीजे भी इस ओर इंगित कर रहे हैं।

रिटर्न दाखिल करने की दिक्‍कत से बचने के लिए व्‍यापारी नहीं ले रहे दिलचस्‍पी

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष सतीश केसरवानी का कहना है कि पंजीयन कराने पर रिटर्न दाखिल करने के लिए व्यापारी को सीए और अधिवक्ता की मदद लेनी पड़ेगी। उसे साल भर के लेखा-जोखा रखने के लिए भी अलग से व्यवस्था करनी पड़ेगी। इसलिए 40 लाख के नीचे का व्यापारी इस पचड़े में नहीं पड़ चाहता है। एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-वन एके राय ने बताया कि वैट के बाद जीएसटी लागू होने पर करीब ढाई गुना पंजीयन बढ़ा था। इसलिए अब पंजीयन बढऩे की संभावना कम है। स्वेच्छा से पंजीयन के लिए व्यापारियों को समझाया जा रहा है। किंतु, सर्विस टैक्स में 20 लाख और गुड्स में 40 लाख सालाना टर्नओवर वाले जो व्यापारी छूटे हैं, उन पर पंजीयन के लिए दबाव भी बनाया जा रहा है। 

लक्ष्य पूरा होना मुश्किल

प्रयागराज जोन में जीएसटी में 73557 व्यापारी पहले से पंजीकृत हैं। 2278 नए पंजीयन होने से संख्या बढ़कर 75935 हो गई। मुख्यमंत्री ने एक लाख पंजीयन का लक्ष्य दिया है। जो 31 मार्च तक पूरा होना मुश्किल है।

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