केंद्र को भेजे जाएंगे संत सम्मेलन में पारित प्रस्ताव Prayagraj news

सम्मेलन के पहले शुक्रवार और शनिवार को लखनऊ क्षेत्र की बैठक होगी जिसमें परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय भी हिस्सा लेंगे। इसके बाद 20 जनवरी को केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक होगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 17 Jan 2020 06:35 PM (IST) Updated:Fri, 17 Jan 2020 06:35 PM (IST)
केंद्र को भेजे जाएंगे संत सम्मेलन में पारित प्रस्ताव Prayagraj news
केंद्र को भेजे जाएंगे संत सम्मेलन में पारित प्रस्ताव Prayagraj news

प्रयागराज,जेएनएन । माघ मेला में 21 जनवरी को आयोजित होने वाले विश्व हिंदू परिषद के संत सम्मेलन में पारित होने वाले प्रस्तावों को केंद्र और प्रदेश सरकार को भी भेजा जाएगा। यही नहीं, जो संत देश के बाहर हैैं और जो  सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले सकेंगे, उन्हें भी पारित प्रस्तावों से अवगत कराया जाएगा। परिषद पहले ही एलान कर चुकी है कि सम्मेलन में राम मंदिर निर्माण की तिथि घोषित की जाएगी। साथ ही मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट को लेकर रणनीति भी इसमें तय की जाएगी।

कई मायनों में अहम है यह संत सम्‍मेलन

विश्व हिंदू परिषद का यह संत सम्मेलन कई मायनों में अहम होगा। परिषद कुंभ और महाकुंभ में ही संत सम्मेलन और धर्म संसद का आयोजन होता था। इस बार राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो माघ मेला में भी संत सम्मेलन का आयोजन किया गया है।

देश भर से संत जुटेंगे

इस सम्मेलन में देश भर के संतों को बुलाया गया है। इसमें अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष और गुजरात के महिसाणा स्थित केवल्य पीठ के प्रमुख अविचल दास महाराज, कर्नाटक के जगतगुरु मध्वाचार्य, उडुप्पी पीठ के विश्व प्रसन्नतीर्थ महाराज, चित्रकूट से महामंडलेश्वर रामनरेश दास, जयपुर से महामंडलेश्वर प्रेमदास महाराज, कर्नाटक के सुत्तूर मठ के स्वामी सुगनेंद्र तीर्थ महाराज, उड़ीसा से स्वामी जीवनमुक्तानंद पुरी, भुवनेश्वर से शंकरानंद गिरि, पश्चिम बंगाल के काठिया बाबा आश्रम कोलकाता से महंत वृंदावन बिहारी दास, कोलकाता से स्वामी निर्गुणानंद ब्रह्मïचारी, जय जगत बंधु हरि परंपरा के प्रमुख बंधु गौरव ब्रह्मïचारी, कोलकाता स्थित रामकृष्ण मिशन से मधु महाराज, हरिद्वार से महामंडलेश्वर परमानंद महाराज, हरिद्वार से महामंडलेश्वर ज्योर्तिमयानंद, जबलपुर (मप्र) से महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद, अमरकंटक से महामंडलेश्वर हरिहरानंद सरस्वती, ओंकारेश्वर से स्वामी प्रणवानंद महाराज, वृंदावन से वैष्णव संप्रदाय के श्रीमहंत फूलडोल बिहारी दास महाराज, सीतामढ़ी (बिहार) स्थित कबीर पंथ के संत भूषणदास महाराज, कुरुक्षेत्र (हरियाणा) के शाश्वतानंद महाराज समेत करीब एक हजार संतों ने सम्मेलन में आने के लिए सहमति दे दी है।

संतों को भेजा गया है आमंत्रण

विहिप के केंद्रीय मंत्री और केंद्रीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने बताया कि परमार्थ निकेतन हरिद्वार के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती 'मुनि जीÓ, अवधेशानंद गिरि , श्रीश्री रविशंकर, स्वामी रामदेव, स्वामी वासुदेवानंद महाराज समेत सौ से ज्यादा बड़े संतों को भी आमंत्रण भेजा गया है। संत संपर्क प्रमुख ने यह भी बताया कि कार्यक्रम में एक भी शंकराचार्य नहीं शिरकत कर सकेंगे। अलबत्ता साध्वी ऋतंभरा, साध्वी व केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति, साध्वी प्रज्ञा भारती समेत कई बड़ी महिला संतों ने आने के लिए सहमति दी है। बताया कि माघ मेला में भी संतों से संपर्क किया जा रहा है। खाक चौक में महामंडलेश्वर संतोषदास, रामतीरथ दास, महंत रामहृदय दास के साथ ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि से भी संपर्क कर संत सम्मेलन में आमंत्रित किया गया। कई अन्य अखाड़ों, मठों, पीठों, आश्रमों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है।

20 को केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक और 21 को संत सम्‍मेलन

प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार ने बताया कि सम्मेलन के पहले शुक्रवार और शनिवार को लखनऊ क्षेत्र की बैठक होगी, जिसमें परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय भी हिस्सा लेंगे। इसके बाद 20 जनवरी को केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक होगी। 21 को संत सम्मेलन दोपहर दो बजे से शुरू होगा। बताया कि संत सम्मेलन में श्रीराम जन्मभूूमि मंदिर निर्माण शुरू कराने की तिथि की घोषणा, समान नागरिक संहिता, राष्ट्रीय जनसंख्या नीति पर प्रस्ताव पारित होंगे। इसके अलावा भारतीय संस्कृति, संस्कार, जीवन मूल्य, गंगा और गाय भी विचारणीय विषय होंगे। प्रस्तावों के साथ ही विचारणीय विषयों को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

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