माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट, शिक्षणेत्तर संघ ने सेवा अधिकरण विधेयक की प्रतियां फूंकी Prayagraj News

शिक्षक संगठन सेवा अधिकरण विधेयक को लेकर विरोध जता रहे हैं। इसी क्रम में सुभाष चौराहा पर प्रदर्शन किया गया। साथ ही इस विधेयक की प्रतियां जलाकर प्रदर्शन किया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 20 Aug 2019 09:53 AM (IST) Updated:Tue, 20 Aug 2019 09:53 AM (IST)
माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट, शिक्षणेत्तर संघ ने सेवा अधिकरण विधेयक की प्रतियां फूंकी Prayagraj News
माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट, शिक्षणेत्तर संघ ने सेवा अधिकरण विधेयक की प्रतियां फूंकी Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षणेत्तर संघ ने विधान परिषद से पारित उत्तर प्रदेश सेवा अधिकरण 2019 का विरोध किया है। नाराज पदाधिकारियों और शिक्षकों ने सिविल लाइंस में सुभाष चौराहा पर प्रदर्शन किया। साथ ही अधिकरण विधेयक की प्रतियां भी फूंक कर अपना विरोध जताया।

सभा में एक स्वर में शिक्षक बोले, विधेयक उनके मूल अधिकार पर हमला

इस दौरान हुई सभा में शिक्षकों और कर्मचारियों ने इसे अपने हितों के लिए काला विधेयक बताया। प्रदेश सरकार से इसेतुरंत वापस लेने की मांग की। कहा गया कि यह विधेयक उनके मूल अधिकार पर हमला है। सेवा विवादों में न्याय पाने के लिए शिक्षकों और कर्मचारियों को उच्च न्यायालय में जाने से रोका जा रहा है। कहा गया कि शिक्षा विभाग के नियमों और कानूनों में शीघ्र और समुचित न्याय दिए जाने के पर्याप्त प्रावधान हैं।

लगाया आरोप, नियमों कानूनों को ताक पर रखकर कार्य किए जा रहे

शिक्षक नेता बोले कि संस्था प्रबंधकों और शिक्षा अधिकारियों के द्वारा मनमाने पूर्ण, पक्षपातपूर्ण तथा भ्रष्टाचार के लोभ में नियमों कानूनों को ताक पर रखकर कार्य किए जा रहे हैं। इसके कारण उच्च न्यायालय में मुकदमों की संख्या में वृद्धि हो रही है। सरकार के पास इन बेलगाम प्रबंधकों और शिक्षा अधिकारियों से जवाबदेही लेने का कोई तंत्र नहीं है। सरकार विवादों की संख्या कम करने के बजाय न्यायालयों को ही बढ़ा रही है।

राज्यपाल व राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर विधेयक वापस लेने की मांग की गई

ठकुराई गुट के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी ने बताया कि संघ ने राज्यपाल व राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर विधेयक वापस लेने की मांग की है। विरोध प्रदर्शन में सुनील सिंह, डॉ. अरुण कुमार चौबे, डॉ. सुनील शुक्ला, डॉ. देवी शरण त्रिपाठी,  अशोक यादव, विवेक सिंह, अनुपम श्रीवास्तव, अनिल तिवारी, राम विजय सिंह, अशोक कनौजिया, मऊद आलम , स्वतंत्र कुमार, अंजनी कुशवाहा, महेंद्र जैन, अशोक कुमार आदि शामिल थे।

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