Naini Central Jail के 25 बंदियों व जेल अधीक्षक ने यहां ले लिया है दाखिला Prayagran News
नैनी सेंट्रल जेल में यूपीआरटी मुक्त विश्वविद्यालय का अध्ययन केंद्र खुल गया है। पहले दिन बंदियों के साथ ही जेल अधीक्षक ने इसमें दाखिला लिया है।
प्रयागराज, जेएनएन। अभी तक आपने देखा और सुना होगा...जेल अधिकारियों व बंदीरक्षकों का कड़क व्यवहार, कैदियों की पिटाई और गलती करने पर कड़ी सजा का फरमान। अरे भाई, अब जमाना बदल गया है। इस हाईटेक युग में शिक्षा ग्रहण करने के मामले में न कोई बंदी रहेगा और न ही जेल अधिकारी। यानी सभी एक साथ बैठकर शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। इस समरसता से जहां एक ओर शिक्षा की लौ जलेगी, वहीं सकारात्मक सोच, समन्वय की भावना तो नजर आएगी ही, एक नया मिसाल भी बन सकेगा।
नैनी सेंट्रल जेल में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय का अध्ययन केंद्र खुला
जी हां, इस सोच को हकीकत में बदलने का जिम्मा उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने उठाया है। इस मुक्त विश्वविद्यालय का अध्ययन केंद्र शनिवार को केंद्रीय कारागार में खुल चुका है। फीस में 25 फीसद की छूट के साथ पहले दिन कुल 25 बंदियों ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश भी ले लिया है। खुद वरिष्ठ जेल अधीक्षक एचबी सिंह ने भी पीजी डिप्लोमा इन एचआरडी में प्रवेश लिया है।
मुक्त विवि की कार्यपरिषद बैठक में हुआ था निर्णय
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक में किन्नरों को मुफ्त और बंदियों को 25 फीसद शुल्क में प्रवेश की व्यवस्था पर मुहर लगी थी। इसके तहत शनिवार को केंद्रीय कारागार नैनी में कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह और डीआइजी जेल वीआर वर्मा ने अध्ययन केंद्र का उद्घाटन किया। पहले दिन 25 कैदियों ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया।
बोले डीआइजी जेल, कैदियों का शुल्क बंदी कल्याण कोष से दिया जाएगा
नैनी जेल में अध्ययन केंद्र के उद्घाटन अवसर इस दौरान राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि यदि व्यक्ति को समय और स्थान का ज्ञान हो तो वह सर्वांगीण विकास कर सकता है। डीआइजी जेल ने कहा जेल में बंद कैदी मुक्त विश्वविद्यालय से कोर्स कर ज्ञानवान, गुणवान एवं सुयोग्य नागरिक बन सकते हैं। उन्होंने कहा कैदियों पर 25 फीसद शुल्क का जो भार आएगा उसका भुगतान बंदी कल्याण कोष से किया जाएगा। बंदियों को कोई शुल्क नहीं देना होगा। इस दौरान प्रो. आरपीएस यादव, प्रो. पीपी दुबे, अन्विता श्रीवास्तव, डॉ. ज्ञान प्रकाश यादव, धर्मपाल सिंह, अभय शुक्ल, पीके मिश्र, अशोक कुमार, वंदना त्रिपाठी आदि उपस्थित रहीं।