'खाली कैनवास' में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष की दिखेगी झलक

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दृश्य कला विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष व चित्रकार के जीवन वृत्त पर आधारित है लघु फिल्म खाली कैनवास। हिंदुस्तानी एकेडेमी में ऑडीसन हुआ।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 29 May 2019 01:37 PM (IST) Updated:Wed, 29 May 2019 01:37 PM (IST)
'खाली कैनवास' में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष की दिखेगी झलक
'खाली कैनवास' में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष की दिखेगी झलक

 प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दृश्यकला विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष व चित्रकार डॉ. श्याम बिहारी अग्रवाल पर लघु फिल्म तैयार हो रही है। यह लघु फिल्म उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित होगी। इसकी शूटिंग प्रयागराज, कोलकाता, मुंबई, लखनऊ और वाराणसी में की जाएगी। फिल्म का नाम रखा गया है 'खाली कैनवास'। शहर के हिंदुस्तानी एकेडेमी में 'खाली कैनवास' का ऑडीशन पूरा हुआ।

 डॉ. अग्रवाल के बनाए चित्र दुनिया भर में सराहे गए हैं

डॉ. श्याम बिहारी अग्रवाल ने अपनी चित्रकारी में देश की गुलामी से लेकर आजादी तक के मार्मिक पहलुओं को उकेरा है। उनके बनाए हुए चित्र दुनिया भर में सराहे गए हैं। वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से रिटायर हो चुके हैं, लेकिन उन्होंने चित्रकारी का क्रम अनवरत जारी रखा है। उनके जीवन वृत्त पर फिल्म बना रहे राकेश गोस्वामी ने बताया कि डॉ. श्याम बिहारी का चित्रकारी के प्रति समर्पण अद्वितीय है। इसलिए उनके योगदान पर लघु फिल्म बनाने का मन में ख्याल आया है। फिल्म में कृष्ण शुक्ल, अनीता सिंह, मुकेश तिवारी, दिव्यानी राय, रवि प्रकाश विश्वकर्मा, आशुतोष आदि कलाकार की भूमिका में नजर आएंगे।

डॉ. श्याम बिहारी का परिचय

डॉ. श्याम बिहारी अग्रवाल इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दृश्य कला विभाग से अवकाश प्राप्त हो चुके हैं। उनका निवास शहर के चौक में है। वह महान चित्रकार क्षितींद्रनाथ मजूमदार के शिष्य हैं। उन्होंने मजूमदार की विशिष्ट कला धारा को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। डॉ. अग्रवाल उन आधुनिक कलाकारों में से एक हैं जिन्होंने 19वीं शताब्दी के अंत में अवनींद्रनाथ टैगोर द्वारा चलाए गए अभियान को 21वीं सदी तक परिपक्व किया है।

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