अनुसूचित जाति के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर, सरकार दे रही योजनाओं में अनुदान

पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना के तहत अनुसूचित जाति के पात्र व्यक्तियों को उद्योग संचालित करने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से 15 लाख रुपये तक के ऋण की सुविधा दी जा रही। इसमें लागत का 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में दिया जाएगा। शेष बैंक ऋण होता है

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 26 Aug 2021 05:28 PM (IST) Updated:Thu, 26 Aug 2021 05:28 PM (IST)
अनुसूचित जाति के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर, सरकार दे रही योजनाओं में अनुदान
प्रतापगढ़ में डेढ़ सौ युवाओं ने किया है चार योजनाओं के लिए आवेदन

प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति के युवाओं को रोजगार के अवसर देकर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही है। इसके लिए चार योजनाएं समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित की गई हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना, नगरीय क्षेत्र दुकान निर्माण योजना, लांड्री एवं ड्राई क्लीनिंग योजना तथा टेलरिंग शाप योजना के जरिए युवाओं को रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं। इसमें सरकार ऋण के साथ अनुदान भी देगी। शर्त यह होगी कि ग्रामीण क्षेत्रों में वार्षिक आय 46080 रुपये तथा नगरीय क्षेत्र में वार्षिक आय 56400 रुपये से कम होनी चाहिए।

लागत का 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में दिया जाएगा

पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना के तहत अनुसूचित जाति के पात्र व्यक्तियों को उद्योग संचालित करने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से 15 लाख रुपये तक के ऋण की सुविधा दी जा रही है। इसमें लागत का 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में दिया जाएगा। शेष बैंक ऋण होता है। इस योजना के तहत जिले के लगभग डेढ़ सौ लोगों ने आवेदन किया है। नगरी क्षेत्र दुकान निर्माण योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति के गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले पात्र व्यक्तियों को जिनके पास 13.32 वर्ग मीटर व्यवसायिक स्थल उपलब्ध है, उन्हें दुकान के निर्माण के लिए दो किस्तों में 78 हजार रुपये विभाग द्वारा दिए जाते हैं। इसमें 1000 रुपये अनुदान तथा शेष धनराशि ब्याज मुक्त ऋण के रूप में होती है। इसकी अदायगी 10 वर्षों में करना होता है। लांड्री एवं ड्राई क्लीनिंग योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति की गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले पात्र व्यक्तियों को एक लाख तथा 2.16 लाख रुपये लागत की परियोजनाएं हैं। इसके अंतर्गत 10 हजार रुपये अनुदान तथा शेष धनराशि ब्याज मुक्त ऋण के रूप में दी जाती है। इसकी अदायगी पांच वर्षों में समान मासिक किश्तों में की जाएगी।

तीन सालों में मासिक किस्तों के रूप में जमा करना होगा

टेलरिंग शाप योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले अनुसूचित जाति के पात्र व्यक्तियों को रोजगार के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। इस योजना की लागत 2000 निर्धारित है। इसमें प्रति इकाई अधिकतम 10 हजार रुपये अनुदान तथा 10 हजार रुपये ब्याज मुक्त ऋण तीन सालों में मासिक किस्तों के रूप में जमा करना होगा। जिला समाज कल्याण अधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के पात्र व्यक्ति अपने विकासखंड में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी अथवा खंड विकास अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। नगरीय क्षेत्र में जिला समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय से जानकारी ली जा सकते है।

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