रेलवे की विकास यात्रा और सेवाभाव के दर्शन कर रहे लोग, माघ मेला में एनसीआर ने लगाई है प्रदर्शनी

देशभर से पुण्य की डुबकी लगाने आए श्रद्धालुओं के लिए यह प्रदर्शनी जानकारी का खजाना है। साथ ही रेलवे की संवेदनाओं को भी उजागर कर रही है। यहां लगे ग्लोसाइन बता रहे हैं कि कितनी मुस्तैदी से रेलकर्मियों ने डयूटी निभाई। यात्रियों ही नहीं संक्रमितों के लिए भी काम किया।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 06:00 AM (IST)
रेलवे की विकास यात्रा और सेवाभाव के दर्शन कर रहे लोग, माघ मेला में एनसीआर ने लगाई है प्रदर्शनी
देशभर से पुण्य की डुबकी लगाने आए श्रद्धालुओं के लिए यह प्रदर्शनी जानकारी का खजाना है।

प्रयागराज, अतुल यादव।  रेलवे की स्थापना होने के बाद साल 1974 की हड़ताल को छोड़ दें तो पहली बार देश में ट्रेनों के पहिए लॉकडाउन के दौरान ही थमे। मगर तब भी नहीं रुका तो बस रेलवे का सेवा भाव। जो सफर 16 अप्रैल 1853 में शुरू हुआ था वह कोरोना महामारी के इस दौर में भी जारी रहा। इस बात की गवाही दे रही है उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) की ओर से माघ मेला में लगी प्रदर्शनी। 

गंगा स्नान के साथ ही लोग देख रहे हैं प्रदर्शनी

दुनिया और देश के अलग अलग इलाकों से पुण्य की डुबकी लगाने आए श्रद्धालुओं के लिए यह प्रदर्शनी जानकारी का खजाना कही जा सकती है। लोग वहां पहुंच भी रहे हैं। यहां लगा प्रत्येक ग्लोसाइन बता रहा है कि कितनी मुस्तैदी से रेलकर्मियों ने सेवा की। यात्रियों ही नहीं संक्रमितों के लिए भी काम किया। प्रदर्शनी का पहला ग्लोसाइन ही कह रहा है कि कोरोना काल में कुल 375 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाकर करीब साढ़े पांच लाख यात्रियों को उनके घर पहुंचाया। यही नहीं रेलकर्मियों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाने के लिए सैनिटाइजेशन, थर्मल आदि की व्यापक व्यवस्था कराई गई। 

कई प्रोजेक्ट पूरे होंगे तो बढेगी दक्षता

नए साल में नई चुनौती है तो कई नए प्रोजेक्ट भी पूरे होने की तरफ हैं। वर्ष 2021-22 में पूर्वी डीएफसी के खुलने से माल ढुलाई क्षमता बढ़ेगी। प्रयागराज, कानपुर समेत अन्य चयनित स्टेशनों का विकास, दिल्ली-हावड़ा मार्ग को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार देने के लिए काम किया जा रहा है। शत-प्रतिशत विद्युतीकरण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके अलावा मुख्य रेल मार्गों को मानवयुक्त  क्रॉसिंग रहित बनाने की तैयारी की जा रही है। दावा किया जा रहा है और भरोसा भी है कि इससे रेलवे की क्षमता और सुविधाएं और बढ़ जाएंगी।

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