गंगाजल की निर्मलता को वैज्ञानिक घाटों से पानी व मिट्टी का ले रहे नमूना, पीएमओ भेजेंगे रिपोर्ट Prayagraj News

गंगा प्रदूषण पर पीएमओ लाइव है। नेशनल सेल साइंस लेबोरेटरी पुणे और इविवि के वैज्ञानिकों की टीम घाटों से पानी व मिट्टी का नमूना ले रहे हैं। गंगाजल की रिपोर्ट पीएमओ को भेजी जाएगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 17 Dec 2019 01:11 PM (IST) Updated:Tue, 17 Dec 2019 01:11 PM (IST)
गंगाजल की निर्मलता को वैज्ञानिक घाटों से पानी व मिट्टी का ले रहे नमूना, पीएमओ भेजेंगे रिपोर्ट Prayagraj News
गंगाजल की निर्मलता को वैज्ञानिक घाटों से पानी व मिट्टी का ले रहे नमूना, पीएमओ भेजेंगे रिपोर्ट Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। गंगा को निर्मल और अविरल बनाने के लिए बड़े स्तर पर कवायद शुरू हुई है। गंगा जल और इसकी मिट्टी में प्रदूषण के कारण, उनमें जीवाणु और विषाणुु की प्रचुरता को जानने के लिए केंद्र सरकार गहन पड़ताल करा रही है। माघमेला क्षेत्र में सभी घाटों के पानी व मिट्टी का नमूना लिया जा रहा है। इसके लिए नेशनल सेल साइंस लेबोरेटरी पुणे और सेंटर ऑफ बायो टेक्नालॉजी डिपार्टमेंट, इलाहाबाद विश्वविद्यालय को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए दोनों संस्थानों को साढ़े तीन करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। दोनों संस्थानों की संयुक्त रिपोर्ट सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) भेजी जाएगी।

बोले इविवि के वैज्ञानिक-मिट्टी और पानी के नमूने की जांच कराई जाएगी

सेंटर ऑफ बायो टेक्नालॉजी डिपार्टमेंट, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. आदित्यनाथ ने बताया कि संगमनगरी में फाफामऊ से छतनाग और सोमेश्वर महादेव घाट तक के गंगा जल व मिट्टी का नमूना लिया जा रहा है। नागवासुकि, दशाश्वमेध, रामघाट, संगम नोज तक आठ घाटों पर किनारे व बीच के पानी के नमूने एकत्र किए जा रहे हैैं। मिट्टी और पानी के नमूने की सेंटर ऑफ बायो टेक्नालॉजी डिपार्टमेंट, इलाहाबाद विश्वविद्यालय तथा नेशनल सेल साइंस लेबोरेटरी पुणे में जांच कराई जाएगी। दोनों संस्थानों की जांच की संयुक्त रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय, जल संसाधन व नदी विकास मंत्रालय, नमामि गंगे, जलशक्ति मंत्रालय को भेजी जाएगी। रिपोर्ट में इस बात का विवरण होगा कि किस घाट पर मिट्टी और पानी में बैक्टीरिया, वायरस, फर्मीक्यूट्स, रिकेटीसी की मौजूदगी और कितनी है।

पुणे के वैज्ञानिक भी जल्द ही प्रयागराज आएंगे

डॉ. आदित्यनाथ के मुताबिक इस पड़ताल से एक प्रकार से जल के डीएनए (डीआक्सी राइबो न्यूक्लिक एसिड) और आरएनए (राइबो न्यूक्लिक एसिड) के स्तर की पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसमें दोनों संस्थानों के 24 वैज्ञानिकों को लगाया गया है। पुणे के वैज्ञानिक भी जल्द ही प्रयागराज आएंगे और फिर दोनों संस्थानों के वैज्ञानिक नमूनों की जांच पर चर्चा करेंगे।

chat bot
आपका साथी