बिजली के लिए प्रयागराज में नौनिहाल भी हुए मुखर, विद्यालय में ही शुरू कर दिया धरना

प्रयागराज में मेजा के ईंटवा कला गांव में लोड ज्यादा है जबकि ट्रांसफार्मर कम क्षमता का लगाया है जिससे अक्सर फुंक जाता है। ग्रामीण बोले कि सौभाग्य योजना के तहत गांव में काफी घपला हुआ है। इसकी शिकायत अधिकारियों से की गई मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 01 Nov 2020 01:44 PM (IST) Updated:Sun, 01 Nov 2020 01:44 PM (IST)
बिजली के लिए प्रयागराज में नौनिहाल भी हुए मुखर, विद्यालय में ही शुरू कर दिया धरना
प्रयागराज के मेजा में बिजली समस्‍या को लेकर बच्‍चे भी धरना दे रहे हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था पटरी से उतर गई है। चाहे लोकल फाल्ट हो अथवा ट्रांसफार्मर की खराबी, एक दिन में तो सुधार हो ही नहीं सकता है। ताजा उदाहरण मेजा के ईंटवा कला गांव का है। इस गांव में स्थापित 10 केवीए का ट्रांसफार्मर पिछले डेढ़ माह में आठ दफा फुंक चुका है। हर बार ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर विभाग के स्टॉफ को पैसे दिए तो ट्रांसफार्मर बदला जा सका था। आए दिन इस समस्या से आजिज आकर गांव के नौनिहालों ने विद्यालय में धरना शुरू कर दिया है। रविवार को अवकाश के बाद भी काफी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं धरने पर बैठे रहे।

मेजा के ईंटवा कला गांव में डेढ़ माह में आठ बार फुंक चुका है ट्रांसफार्मर

ग्रामीणों का कहना है कि लोड ज्यादा है जबकि ट्रांसफार्मर कम क्षमता का लगाया है, जिससे अक्सर फुंक जाता है। बोले कि सौभाग्य योजना के तहत गांव में काफी घपला हुआ है। इसकी शिकायत अधिकारियों से की गई मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। भारतीय किसान यूनियन (भानु) का प्रतिनिधि मंडल पूर्वांचल विद्युत वितरण प्रयागराज के अधीक्षण अभियंता आनंद पांडेय से मिला था। प्रदेश संरक्षक फूलचंद्र दुबे ने मेजा के ईंटवा कला में 25 केवीए ट्रांसफार्मर को लेकर चल रहे भाकियू (भानु) के धरने के विषय में अधीक्षण अभियंता को अवगत कराया और इस प्रकरण में अति शीघ्र कार्रवाई की मांग की। अधीक्षण अभियंता ने अधिशासी अभियंता मेजा को धरना स्थल पर जाकर समस्या के समाधान के लिए कहा है। इस संबंध में एसडीओ ने भी सोमवार तक मौके पर जाने की बात कही।

ग्रामीण बोले- ट्रांसफार्मर लगने तक धरना जारी रहेगा

उधर, ईंटवा कला में रविवार को चौथे दिन भी बच्चों और ग्रामीणों का धरना जारी रहा। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक 25 केवीए का ट्रांसफार्मर नहीं लग जाता तब तक वे धरना देंगे। धरने में सैकड़ों की संख्या में बच्चे शामिल हुए। बच्चों का कहना था कि बस्ती में बिजली न होने से उनकी पढ़ाई नहीं हो पा रही है। सरकार अब ढिबरी जलाने के लिए मिट्टी का तेल भी नहीं दे रही है। फूलचंद्र दुबे ने बताया कि गांव में सौभाग्य योजना के तहत 45 घरों में बिजली का मीटर लगा दिया है, लेकिन ट्रांसफार्मर व केबल नहीं लगाया।

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