Savan 2020 : आज दुर्लभ संयोग है, शनि प्रदोष की साधना दूर करेगी ग्रहों का दोष Prayagraj News

आचार्य विद्याकांत पांडेय कहते हैं कि शनि प्रदोष पर व्रत रखकर भगवान शिव का पूजन करके पीपल के वृक्ष को जल अर्पित कर शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 18 Jul 2020 11:36 AM (IST) Updated:Sat, 18 Jul 2020 11:36 AM (IST)
Savan 2020 : आज दुर्लभ संयोग है, शनि प्रदोष की साधना दूर करेगी ग्रहों का दोष Prayagraj News
Savan 2020 : आज दुर्लभ संयोग है, शनि प्रदोष की साधना दूर करेगी ग्रहों का दोष Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। यूं तो नीलकंठ भगवान शिव की स्तुति पर्व सावन माह का हर दिन पवित्र माना गया है लेकिन आज यानी शनिवार का दिन पुण्य की वर्षा करने वाला बताया जा रहा है। धर्माचार्य शनिवार के दिन प्रदोष का संयोग बनना अत्यंत पुण्यकारी मान रहे हैं। इस दिन प्रदोष व्रत रखकर शिव की स्तुति करने वालों की समस्त कामनाएं पूर्ण होंगी। साथ ही शनि सहित समस्त ग्रहों का अशुभ प्रभाव शांत होगा, ऐसा इनका मानना है।

पीपल वृक्ष पर जल अर्पित करें, सरसों के तेल का दीपक जलाएं-आचार्य विद्याकांत

पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय बताते हैं कि शनिवार को त्रयोदशी तिथि, मृगशिरा नक्षत्र व धु्रव योग है। शनि प्रदोष पर व्रत रखकर भगवान शिव का पूजन करके पीपल के वृक्ष में जल अर्पित कर शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ब्रह्मपुराण के खंड सात में उल्लेख है कि शनिवार केदिन पीपल के वृक्ष का स्पर्श करके 108 बार 'ओम नम: शिवाय' का जप करने से मनुष्य के समस्त दुख दूर हो जाते हैं। साथ ही शनि दोष की पीड़ा व जीवन में चल रही कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।

कांवर नहीं निकल रहा तो क्या हुआ, शिव भक्तों में आस्था तो है...

सावन के महीने में सड़कों पर शिव भक्तों की आस्था नजर आती थी। होठों पर भगवान शिव का नाम लेते हुए गेरूए वस्त्रधारी कांवरियों का झुंड निकलता था तो आस्था का संगम नजर आता था। इस बार कोरोना वायरस का संक्रमण क्या फैला, कांवर यात्रा ही रोक दी गई है। इसके बाद भी शिव भक्तों में आस्था कम नहीं हुई है। वह घरों में ही भगवान शिव की आराधना कर रहे हैं।

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