लावारिश शवों की अंत्येष्टि कराता था संजय, प्रयागराज में मारे जाने के बाद खुद भी रहा लावारिश

महामारी कोरोना की वजह से होने वाली मौत के साथ ही गंगा कटान के समय मिल रहे लावारिश शवों की अंत्येष्टि में संजय नगर निगम का सहयोग करता था। दो सौ से अधिक लावारिश शवों की अंत्येष्टि में वह नगर निगम का सहयोग कर चुका था।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sun, 05 Sep 2021 04:55 PM (IST) Updated:Sun, 05 Sep 2021 06:48 PM (IST)
लावारिश शवों की अंत्येष्टि कराता था संजय, प्रयागराज में मारे जाने के बाद खुद भी रहा लावारिश
बिहार में रहने वाले स्वजनों का नहीं चला पता, पुलिस ने कराई अंत्येष्टि, कोई नहीं आया

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। यह भी क्या विडंबना रही। लावारिश शवों का विधि-विधान के साथ अंत्येष्टि कराने वाले संजय उर्फ बिहारी के शव को कोई आग देने के लिए आगे नहीं आया। पांच दिन तक पोस्टमार्टम हाउस में उसका शव पड़ा रहा और फिर पुलिस ने लावारिश में उसके शव का दारागंज घाट पर अंतिम संस्कार करवा दिया था। इस दौरान नगर निगम का कोई अधिकारी और कर्मचारी भी वहां मौजूद नहीं था। कत्ल के आठ रोज बाद भी अब तक उसके पिरिवार का पता नहीं चला है।

शराब के नशे में झगड़े के बाद कत्ल

फाफामऊ श्मशान घाट पर जीवन यापन करने वाले 30 साल के संजय उर्फ बिहारी की आठ रोज पहले पिछले शनिवार की रात हत्या कर दी गई थी। उसके सिर पर त्रिशूल और पत्थर से वार किया गया था। मामले में ईश्वर चंद्र निवासी तेलियरगंज थाना शिवकुटी को गिरफ्तार किया गया था। ईश्वर चंद और संजय के बीच शराब के नशे में झगड़ा हो गया था। तब संजय के हाथों पिटने के बाद से ईश्वर चंद बदले की आग में सुलग रहा था। मौका मिला तो उसने झगड़े की तीसरी रात संजय को मारा डााला था। संजय हनुमान चौक, पटना बिहार का रहने वाला था। करीब डेढ़ वर्ष पहले वह यहां आया था और फाफामऊ श्मशान घाट पर रहता था।

अंत्येष्टि के बाद भी नहीं आया परिवार

महामारी कोरोना की वजह से होने वाली मौत के साथ ही गंगा कटान के समय मिल रहे लावारिश शवों की अंत्येष्टि में संजय नगर निगम का सहयोग करता था। दो सौ से अधिक लावारिश शवों की अंत्येष्टि में वह नगर निगम का सहयोग कर चुका था। कत्ल होने के बाद फाफामऊ पुलिस ने बिहार में उसके परिवार के लोगों का पता लगाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। बिहार पुलिस को भी सूचना दी गई, लेकिन संजय के स्वजनों का पता नहीं चल सका। पांच दिन तक पोस्टमार्टम हाउस में ही शव पड़ा रहा और फिर बुधवार शाम को उसके शव का लावारिश के तौर पर फाफामऊ पुलिस ने दारागंज घाट पर अंतिम संस्कार करा दिया। इंस्पेक्टर वीरेंद्र सोनकर का कहना है कि मृतक के स्वजनों को तलाशने की काफी कोशिश की गई। बिहार पुलिस से भी मदद मांगी गई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। ऐसे में पुलिस ने लावारिश की तरह संजय के शव की अंत्येष्टि करा दी। उसके बाद भी चार रोज गुजर चुके हैं लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिल सकी है।

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