प्रयागराज की सांसद केशरी देवी ने कहा - ग्राम प्रधान और सचिव आपसी सामंजस्य बनाकर करें काम

सांसद केशरी देवी का कहना है कि गांव के छोटे-छोटे विवादों को निपटाकर विकास योजनाओं को धरातल पर उतारें। स्वयं को गांव का प्रधानमंत्री मानें। प्रत्येक सरकारी विभाग के अफसर से सामंजस्य स्थापित करें। जो विकास कार्य चल रहे हैं उन्हें गति दें।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 17 May 2022 01:51 PM (IST) Updated:Tue, 17 May 2022 01:51 PM (IST)
प्रयागराज की सांसद केशरी देवी ने कहा - ग्राम प्रधान और सचिव आपसी सामंजस्य बनाकर करें काम
सांसद केशरी देवी ने मंडलायुक्त से मुलाकात के दौरान ग्रामीण विकास में बाधा को दूर करने का आग्रह किया।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। राष्ट्र के विकास के लिए गांव का विकास जरूरी है। इसकी जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों की है। सभी को अपना गांव आदर्श बनाना होगा। इसके लिए प्रत्येक ग्राम प्रधान को ग्राम सचिव व अन्य सरकारी विभागों के अफसरों से सामंजस्य बनाना होगा अर्थात समग्र विकास का सूत्र समन्वय है। फूलपुर सांसद केशरी देवी पटेल अपने निवास पर आने वाले ग्राम प्रधानों को यही मंत्र दे रही हैं।

प्रधान स्‍वयं को गांव का प्रधानमंत्री मानें : सांसद केशरी देवी का कहना है कि गांव के छोटे-छोटे विवादों को निपटाकर विकास योजनाओं को धरातल पर उतारें। स्वयं को गांव का प्रधानमंत्री मानें। प्रत्येक सरकारी विभाग के अफसर से सामंजस्य स्थापित करें। जो विकास कार्य चल रहे हैं, उन्हें गति दें। उनकी गुणवत्ता का भी पूरा ध्यान रखें। कई विभागों के अफसरों को फोनकर गांव में कैंप करने का आग्रह भी किया है। कहा है कि गांव में जाएंगे तभी लोगों की समस्याओं को समझ सकेंगे। छोटे छोटे विवाद को भी निपटाने में मदद मिलेगी।

मंडलायुक्‍त से सांसद ने की मुलाकात : सांसद ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में मंडलायुक्त संजय गोयल से मुलाकात के दौरान ग्रामीण विकास में बाधक कारकों को दूर करने का आग्रह किया था। कहा था कि ऐसे सरकारी कर्मचारी व अफसर हटाए जाएं जो ग्राम प्रधान व अन्य जन प्रतिनिधियों की नहीं सुनते हैं। इस तरह की शिकायतों पूरे जिले से आ रही हैं। कई बार सरकारी कर्मचारी इसे नाक का मुद्दा बना लेते हैं जो ठीक नहीं है। इसमें आम आदमी की मुश्किल बढ़ जाती है। छोटे-छोटे कामों को लेकर उसे कई बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं लेकिन वह उसकी सुनवाई नहीं होती है। इससे सरकार की शाख को भी बट्टा लगता है।

मातृशक्तियों को धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित किया : स्वामी चिन्मयानंद विद्यालय में विश्व हिंदू परिषद की तरफ से मातृशक्ति एवं दुर्गा वाहिनी काशी प्रांत के सदस्यों के लिए आयोजित 15 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन मातृशक्तियों को धर्म की रक्षा एवं संस्कृति को पोषित करने के लिए प्रेरित किया गया। क्षेत्र संगठन मंत्री गजेंद्र ने कहा कि यह प्रशिक्षण हिंदू समाज की एकता, धर्म की रक्षा व संस्कृति के उत्थान का आधार बनेगा। इसमें मातृशक्ति संस्कार युक्त समाज के निर्माण में सहायक होगी। आज हिंदू समाज के सामने सबसे बड़ी चुनौती मतांतरण, लव जिहाद है। इसे सामाजिक समरसता का अभियान चलाकर समाप्त किया जा सकता है।

chat bot
आपका साथी