Prayagraj Corona Curfew Effect: खाद्यान्न की थोक बिक्री घटी, कारोबारियों को है कर्फ्यू हटने का इंतजार
Prayagraj Corona Curfew Effect इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी का कहना है कि बिक्री न होने से ज्यादातर थोक दुकानें सुबह ही खुलती हैं। दोपहर के बाद अधिकांश व्यापारी दुकानें बंद कर देते हैं क्योंकि शाम को खास बिक्री नहीं रहती है।
प्रयागराज,जेएनएन। कोरोना कफ्र्यू में खाद्यान्न की थोक दुकानें खुलने की भी भले इजाजत है लेकिन, कर्फ्यू की बंदिशों के कारण ज्यादा लोगों के बाहर न निकलने से राशन और खाद्य तेलों की बिक्री में करीब 40 फीसद तक की गिरावट हुई है। ऐसे में थोक कारोबारियों को भी कफर्यू हटने का वेसब्री से इंतजार है। ताकि उनका कारोबार भी पहले जैसे पटरी पर लौट सके।
होम डिलीवरी के लिए एजेंसियों के चयन के बाद भी नहीं बढ़ी बिक्री
एक मई को कोरोना कर्फ्यू के लागू होने पर कुछ दिनों तक थोक और फुटकर दुकानें खुलने को लेकर भी व्यापारियों में गफलत थी। हालांकि, जब लोगों को राशन की किल्लत होने लगी तो प्रशासन ने फुटकर दुकानों के साथ थोक राशन की दुकानों को भी खुलने की इजाजत दी। होम डिलीवरी के लिए भी एजेंसियों का चयन किया गया। लेकिन, थोक बिक्री चढ़ नहीं सकी। ग्रामीण क्षेत्रों के व्यापारियों के मुटठीगंज, चौक की थोक मंडियों में न आने के अलावा शहरी क्षेत्र के व्यापारियों द्वारा भी ज्यादातर सामान एजेंसियों के माध्यम से घर पर मंगा लेने के कारण थोक बिक्री में करीब 40 फीसद की गिरावट हो गई है। इससे थोक कारोबारियों को खाद्य तेलों की कीमतें भी कम करनी पड़ी हैं, क्योंकि उनके गोदाम में माल भरे हुए हैं और बिक्री बेहद कम है।
दोपहर बाद बंद हो जाती हैं दुकानें, नहीं आते है बाहर के व्यापारी
इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी का कहना है कि बिक्री न होने से ज्यादातर थोक दुकानें सुबह ही खुलती हैं। दोपहर के बाद अधिकांश व्यापारी दुकानें बंद कर देते हैं, क्योंकि शाम को खास बिक्री नहीं रहती है। ऐसी दशा में लोग दुकान पर बैठकर अपने जीवन को संकट में क्यों डालें।