निजी स्कूलों की मनमानी फीस का प्रयागराज में विरोध, दो अगस्त से अनशन की चेतावनी

जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व मंत्री राकेश कुमार दुबे ने बताया कि पिछले कई महीनों से निजी विद्यालयों द्वारा मनमाने तरीके से फीस वसूली के विरोध के आंदोलन चल रहा है। अधिवक्ता प्रशांत कुमार शुक्ल के नेतृत्व में वकीलों व अभिभावकों ने डीएम से इस मामले में मुलाकात की।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 04:30 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 04:30 PM (IST)
निजी स्कूलों की मनमानी फीस का प्रयागराज में विरोध, दो अगस्त से अनशन की चेतावनी
निजी स्‍कूलों में मनमानी फीस लिए जाने के विरोध में प्रयागराज में दो अगस्‍त से अनशन होगा।

प्रयागराज, जेएनएन। निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ प्रयागराज में विरोध तेज हो गया है। इसे लेकर अधिवक्ता और अभिभावक संघ के लोग आंदोलित हैं। कई बार डीआइओएस और जिलाधिकारी से मुलाकात की गई लेकिन कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया। यही वजह है कि दो अगस्त से अधिवक्ताओं ने अनशन शुरू करने की चेतावनी दी है।

डीएम से कर चुके हैं शिकायत

जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व मंत्री राकेश कुमार दुबे ने बताया कि पिछले कई महीनों से निजी विद्यालयों द्वारा मनमाने तरीके से फीस वसूली के विरोध के आंदोलन चल रहा है। अधिवक्ता प्रशांत कुमार शुक्ल के नेतृत्व में बहुत से वकीलों व अभिभावकों ने डीएम से इस मामले में मुलाकात की। उन्हें स्कूलों की मनमानी से भी अवगत कराया गया। राज्य सरकार द्वारा फीस के संदर्भ में जारी किए गए शासनादेश को बताते हुए तीन दिन के भीतर उसके अनुपालन की मांग उठाई गई।

फीस कम न हुई तो होगा आंदोलन

उन्‍हाेंने कहा कि जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया था कि जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी। जो विद्यालय शासन की मंशा पर पानी फेरेंगे उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि मांगों पर गौर नहीं किया गया तो दो अगस्त से अनशन शुरू होगा। इस मौके पर दिनेश कुमार मिश्रा, दिलीप कुमार यादव, आमोद त्रिपाठी, अश्विनी कुमार पांडेय, नूर अहमद, जितेंद्र नायक, अमरेंदु सिंह, शिवा त्रिपाठी, आनंद शंकर दुबे आदि मौजूद रहे।

मनमानी फीस पर नहीं लगा अंकुश : जिअसं के पूर्व मंत्री

जिला अधिवक्‍ता संघ के पूर्व मंत्री राकेश कुमार दुबे और अधिवक्ता प्रशांत कुमार शुक्ल ने बताया कि कई बार शासन प्रशासन द्वारा आश्वासन दिया गया कि स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाया जाएगा। इस आश्वासन पर प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। उधर स्कूल वालों ने अपना मनमाना रवैया अपनाए रखा। वह कंपोजिट फीस के नाम पर धन उगाही कर रहे हैं। अधिवक्ताओं ने कहा कि सिर्फ उचित शिक्षण शुल्क लेने का आदेश शासन ने किया है। उसपर अमल होना चाहिए।

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