जनपद के नवनियुक्त सीएमओ बोले- इमरजेंसी काल से है मेरा प्रयागराज से नाता

मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डॉ. प्रभाकर राय ने कहा कि वर्ष 1976 में जब इमरजेंसी लगी थी तब से वह प्रयागराज में हैं। उस समय वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने आए थे और तभी से यहीं पर ही रह गए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 10:47 AM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 10:47 AM (IST)
जनपद के नवनियुक्त सीएमओ बोले- इमरजेंसी काल से है मेरा प्रयागराज से नाता
प्रयागराज के नए सीएमओ डॉक्‍टर प्रभाकर राय का इमरजेंसी काल से संबंध रहा है।

प्रयागराज, [मनीष मिश्र]। जिले की स्वास्थ्य विभाग की कमान अब डॉ. प्रभाकर राय को मिल गई है। जी हां, वही डॉ. प्रभाकर राय जिन्हें आप जानते हैं। उनका प्रयागराज से 46 साल पुराना नाता है। यह अभी सुल्तानपुर जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक रहे, अब सीधे संगमनगरी की स्वास्थ्य सेवाओं की बागडोर संभालेंगे। दैनिक जागरण से  मोबाइल पर हुई बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि प्रयागराज में कौन ऐसा है जो मुझे नहीं जानता हो?

मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डॉ. प्रभाकर राय ने कहा कि वर्ष 1976 में जब इमरजेंसी लगी थी, तब से वह प्रयागराज में हैं। उस समय वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने आए थे और तभी से यहीं पर ही रह गए। बेली अस्पताल में आठ साल तक तैनात रहे व मलेरिया विभाग की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।

सभी के दबाव में रहकर कैसे करेंगे काम

अब यहां सवाल यह उठता है कि जब डॉ. प्रभाकर राय प्रयागराज में 46 साल रह चुके हैं। साथ ही इसी जिले में अब बतौर सीएमओ चार्ज लेने जा रहे हैं तो आखिर वह स्वतंत्र होकर काम कैसे करेंगे? डॉक्टरों से दोस्ती निभाएंगे या निष्पक्ष होकर लापरवाह व भ्रष्टचारियों पर सख्त कार्रवाई करेंगे।

दो साल, नौ माह बाद फिर राजधानी

यहां सीएमओ रहे मेजर डॉ जीएस वाजपेयी का पिछले दिनों प्रमोशन हो गया है। शासन ने उन्हें अब अपर निदेशक (स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, लख़नऊ) पद की जिम्मेदारी दिया है। 11 फरवरी 2018 को वह प्रयागराज में बतौर सीएमओ कार्यभार ग्रहण किए थे। यानी दो साल नौ माह बाद वह फिर राजधानी पहुंच गए हैं।

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