Mulayam Singh Yadav: जिसका जलवा कायम है, उसका नाम मुलायम है...प्रयागराज में गूंजा था नारा

Mulayam Singh Yadav नेताजी में खासियत यह थी कि एक बार वह जिसे देख लेते थे दोबारा उसका नाम लेकर पुकारते थे। याददाश्त बहुत तेज थी। वह जब भी संगम नगरी में आते थे तो पुराने कार्यकर्ताओं को नाम लेकर पुकारते थे। एक-एक कार्यकर्ता उनकी इन्हीं बातों का कायल था।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Mon, 10 Oct 2022 12:35 PM (IST) Updated:Mon, 10 Oct 2022 12:35 PM (IST)
Mulayam Singh Yadav: जिसका जलवा कायम है, उसका नाम मुलायम है...प्रयागराज में गूंजा था नारा
मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के सुख-दुख का सदेव ख्याल रखा और उनसे घनिष्ठ संबंध बनाए।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। मुलायम सिंह यादव से जुड़ा प्रयागराज का यह संस्‍मरण वर्ष 2004 का है। प्रयागराज शहर के रामबाग स्थित सेवा समिति विद्या मंदिर मैदान में अपार भीड़ जुटी थी। समाजवादी पार्टी के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव को यहां जनसभा को संबोधित करना था। जैसे ही उनका हेलीकाप्टर जनसभा स्‍थल के ऊपर मंडराया, नीचे मौजूद कार्यकर्ताओं ने आवाज लगाई, जिसका ‘जिसका जलवा कायम है, उसका नाम मुलायम है...’। यह नारा तब तक लगता रहा, जब तक मुलायम सिंह यादव मंच पर नहीं पहुंच गए।

प्रयागराज की जनसभा में मुलायम बोले- हमारा जलवा आप सभी की वजह से कायम है : जनसभा स्‍थल पर मौजूद भारी भीड़ देखकर मुलायम सिंह यादव गदगद थे। बार-बार लग रहे इस नारे को सुनकर नेताजी बोले हमारा जलवा आपकी सभी की वजह से कायम है। आपका जलवा कायम है। यह सुनकर कार्यकर्ताओं ने जोरदार ताली बजाई।

नेताजी ने कहा- प्रत्‍येक कार्यकर्ता हमारे घर का सदस्‍य है : मंच पर मौजूद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से नेताजी ने कहा कि एक भी कार्यकर्ता दुखी नहीं होना चाहिए। एक-एक कार्यकर्ता हमारे घर का सदस्य है। इसलिए कार्यकर्ताओं की शिकायतों का प्राथमिकता के साथ निस्तारण होना चाहिए। उन्होंने जनसभा में मौजूद कार्यकर्ताओं से कहा था कि आज समाजवादी पार्टी आपकी बदौलत ही यहां तक पहुंची है।

मुलायम की खासियत थी जिसे एक बार देख लेते दूसरी बार नाम लेकर पुकारते थे : नेताजी में एक बड़ी खासियत यह थी कि एक बार वह जिसे देख लेते थे, दोबारा उसका नाम लेकर पुकारते थे। उनकी याददाश्त बहुत तेज थी। वह जब भी संगम नगरी में आते थे तो पुराने कार्यकर्ताओं को नाम लेकर पुकारते थे। एक-एक कार्यकर्ता उनकी इन्हीं बातों का कायल था।

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