'नदी बोली समंदर से, मैं तेरे पास आई हूं...कवि डा. कुंवर बेचैन के निधन से प्रयागराज साहित्य जगत में शोक

डा. कुंवर प्रयागराज को साहित्य का तीरथ मानते थे। यही कारण था कि जब उनको यहां से बुलावा जाता था वह बड़े से बड़े आयोजन को छोड़कर यहां आते थे। उनकी एक रचना नदी बोली समंदर से मैं तेरे पास आई हूं... को बालीवुड के गायक मुकेश ने गाया था।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 29 Apr 2021 10:26 PM (IST) Updated:Thu, 29 Apr 2021 10:26 PM (IST)
'नदी बोली समंदर से, मैं तेरे पास आई हूं...कवि डा. कुंवर बेचैन के निधन से प्रयागराज साहित्य जगत में शोक
कवि यश मालवीय कहते हैं कि डा. कुंवर प्रयागराज को साहित्य का तीरथ मानते थे।

प्रयागराज, जेएनएन।  कवि डा. कुंवर बेचैन के निधन की सूचना मिलते ही प्रयागराज के साहित्यकारों व कवियों में शोक की लहर दौड़ गई। डा. बेचैन का संगम नगरी से कई दशक पुराना नाता रहा है। उन्हें प्रयागराज में साहित्यजगत के अहम 'राष्ट्रीय कैलाश गौतम काव्य कुंभ सम्मान-2018 से सम्मानित किया गया था।

बालीवुड के गायक मुकेश ने गाया था उनका एक गीत

कवि यश मालवीय कहते हैं कि डा. कुंवर प्रयागराज को साहित्य का तीरथ मानते थे। यही कारण था कि जब कभी उनको यहां से बुलावा जाता था, वह बड़े से बड़े आयोजन को छोड़कर यहां आते थे। उनकी एक रचना 'नदी बोली समंदर से, मैं तेरे पास आई हूं... को बालीवुड के गायक मुकेश ने गाया था। आखिरी बार वह 2018 में माघ मेले के दौरान चलो मन गंगा यमुना तीर कार्यक्रम में शामिल हुए थे। समालोचक रविनंदन सिंह कहते हैं कि अपनी बड़ी रचनाधॢमता के साथ वे अत्यंत सहज व जिंदादिल इंसान थे। कवि डॉ. श्लेष गौतम ने कहा कि डॉ कुंवर सही मायनों में गीत ऋषि थे। साहित्यिक संस्था 'गुफ्तगू के अध्यक्ष इम्तियाज अहमद गाजी की अध्यक्षता में वर्चुअल शोकसभा के जरिए डॉ. बेचैन को श्रद्धांजलि दी गई। इसमें मनमोहन सिंह तन्हा, नरेश महारानी, प्रभाशंकर शर्मा, अनिल मानव आदि शामिल रहे।

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