Mystery: महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद यह भी सवाल, कैसे वायरल हो गया सुसाइड नोट
सुसाइड नोट वायरल होने पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस महकमे में भी चर्चा है कि एक प्लान के तहत सुसाइड नोट को वायरल किया गया था। हालांकि वह कौन है उसकी मंशा क्या थी और इससे किसको फायदा मिल सकता है। इसको लेकर अलग-अलग बातें कही जा रही है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। देश भर में सुर्खियों में छाए महंत नरेंद्र गिरि संदिग्ध मौत प्रकरण जहां एक तरफ पुलिस अधिकारी फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं, वहीं उनकी गोपनीयता में किसी ने सेंध लगा दी। घटना के दूसरे रोज इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुए सुसाइड नोट को लेकर सवाल उठ रहे हैं। खुद पुलिस महकमे में भी चर्चा है कि एक प्लान के तहत सुसाइड नोट को वायरल किया गया था। हालांकि वह कौन है, उसकी मंशा क्या थी और इससे किसको फायदा मिल सकता है। इसको लेकर अलग-अलग बातें कही जा रही है।
एक पुलिस अधिकारी का नाम बार-बार चर्चा में
कुछ लोग एक पुलिस अधिकारी का नाम ले रहे तो कुछ मठ और लखनऊ से वायरल होने का दावा कर रहे हैं। मगर अब तक यह साफ नहीं हो सका है कि सुसाइड नोट की पीडीएफ फाइल किसने बनाकर इंटरनेट पर वायरल की। मगर एक बात तो साफ है कि इस प्रकरण में पुलिस के अधिकारियों के स्तर से भी सब कुछ ठीक तो नहीं चल रहा है।
जब इतना गोपनीय था तो कैसे फैल गया इंटरनेट पर
कहा जा रहा है कि नरेंद्र गिरि के आत्महत्या की खबर सबसे पहले एक पुलिस अधिकारी को मिली थी। वह जार्जटाउन थाने की पुलिस से पहले मौके पर पहुंचे। इतना ही नहीं, उन्होंने सुसाइड नोट को पढ़ा और फिर गोपनीय बताते हुए फारेंसिंक टीम को देने की बात कही गई। दूसरे दिन भी सुसाइड नोट में लिखे मजमून को बताने और उससे बाहर करने से इन्कार किया जाता रहा, लेकिन शाम को अचानक सुसाइड नोट इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। चर्चा यह भी है कि अधिकारी के इस कदम से जब विभाग की किरकिरी होने लगी तो पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने दूसरे अफसर को फटकार लगाई। फिलहाल अब पुलिस अधिकारियों से लेकर मठ के सेवादारों और दूसरे लोगों के बीच सुसाइड नोट के वायरल होने व अफसरों के साथ वाकया चर्चा का विषय बना हुआ है।