कुंभ तक सीवर लाइन का काम पूरा होना दिख रहा मुश्किल
कुंभ मेले से पूर्व सीवन लाइन का कार्य पूरा हाेने में संशय दिख रहा है। अभी तक पचास फीसद घरों में सीवर का कनेक्शन नहीं हो पाया है।
प्रयागराज : कुंभ मेला के दौरान गंगा और यमुना नदी में गंदा पानी न जाए, इसलिए सवा लाख घरों को सीवर लाइन से जोडऩे की योजना थी। अभी तक 50 फीसद घरों में भी सीवर का कनेक्शन नहीं हो पाया है। लगभग 20 किमी सीवर लाइन डालने का काम अभी होना बाकी है। जबकि सीवर लाइन डालने का काम 30 नवंबर तक पूरा हो जाना चाहिए था। कुंभ तक सीवर लाइन का काम पूरा होना मुश्किल है।
नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत शहर में कुंभ से पहले 450 किमी सीवर लाइन डालने का काम गंगा प्रदूषण नियत्रंण इकाई कर रही है। 30 नवंबर तक 430 किमी पाइप लाइन डालने का काम हो पाएगा। अभी बेनीगंज, करेलाबाग, झलवा-कौशांबी मार्ग, चौक में कई गलियों में सीवर लाइन डालने का काम होना बाकी है। घर-घर कनेक्शन करने के लिए बजट का आवंटन न होने से काम धीमा चल रहा है।
-450 किमी सीवर लाइन डालने का है लक्ष्य
-20 किमी सीवर लाइन डालने का काम अभी बाकी
-1, 25,000 घरों के जोडऩे हैं कनेक्शन
-60,000 घरों के जुड़ गए हैं सीवर लाइन से कनेक्शन
गलियों में अंदर तक नहीं हो रहा काम :
गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के ठेकेदार मुख्य सड़कों पर तो सीवर लाइन डालने का काम तेजी से पूरा कर रहे हैं, लेकिन गलियों में अंतिम घर तक सीवर लाइन नहीं डाली जा रही है। ठेकेदार मनमानी करते हुए अपने हिसाब से काम करा रहा है। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के महाप्रबंधक पीके अग्रवाल का कहना है कि मुख्य सड़कों पर सीवर लाइन डालने का काम लगभग पूरा होने वाला है। 15-20 किमी का काम बाकी है। कुंभ से पहले सवा लाख घरों का कनेक्शन सीवर लाइन से करने की योजना थी। उसमें 60,000 कनेक्शन का काम पूरा हो गया है। बाकी काम भी तेजी से कराया जा रहा है।
कुंभ बाद नैनी, झूंसी, फाफामऊ में बनेंगे एसटीपी :
नैनी, झूंसी और फाफामऊ में बनने वाले एसटीपी का काम कुंभ के बाद शुरू हो जाएगा। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इन एसटीपी से 21 नालों को जोड़ा जाएगा। इससे 72 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) गंदे पानी का शोधन शुरू हो जाएगा। अभी यह पानी सीधे नदी में जा रहा है।
संगम नगरी में छह स्थानों पर आठ एसटीपी से अभी 245 एमएलडी पानी का शोधन हो रहा है। 100 एमएलडी पानी बिना शोधन के नदी में जा रहा है। उसमें 72 एमएलडी गंदा पानी नैनी, झूंसी और फाफामऊ से जा रहा है। नैनी में 42 एमएलडी, झूंसी में 16 एमएलडी और फाफामऊ में 14 एमएलडी क्षमता के एसटीपी बनाए जा रहे हैं। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के महाप्रबंधक पीके अग्रवाल का कहना है कि यहां पर एसटीपी बनने से 72 एमएलडी गंदे पानी का शोधन होगा। इनके निर्माण पर लगभग 400 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।