मरने जा रहा हूं, किसी को परेशान न किया जाए...लिखकर फाइनेंस कर्मी ने दे दी जान Prayagraj News
सुसाइड नोट में फाइनेंस कर्मी मनोज ने जिंदगी से ऊबकर आत्महत्या करने और इसके लिए किसी को जिम्मेदार न ठहराने की बात लिखी थी। उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
प्रयागराज, जेएनएन। मैं जिंदगी से ऊब चुका है... अब जीने की इच्छा नहीं रह गई है... मैं मरने जा रहा हूं... इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है... किसी को परेशान न किया जाए। यह बातें सुसाइड नोट में लिख और मोबाइल में वीडियो बनाने के बाद फाइनेंस कर्मी ने फांसी लगाकर सोमवार को अपनी जान दे दी। हालांकि इसकी जानकारी मंगलवार को हुई। यह वाकया पड़ोसी जनपद प्रतापगढ़ का है।
महिंद्रा फाइनेंस में रिकवरी मैनेजर था मनोज कुमार
बस्ती जिले के वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के भरतिंधवा गांव निवासी मनोज कुमार वरुण (30) पुत्र रामकिशुन भंगवा चुंगी चौराहे के पास स्थित महिंद्रा फाइनेंस में रिकवरी मैनेजर के पद पर कार्यरत था। पांच साल पहले वर्ष 2014 में उसकी नियुक्ति हुई थी। वह नगर कोतवाली क्षेत्र के पूर्वी सहोदरपुर मोहल्ला निवासी इंचार्ज पीडब्ल्यूआइ अवधेश पाल के मकान में चार साल से किराए पर रहता था। उसका कमरा दूसरे तल पर स्थित था। वह सोमवार को दफ्तर नहीं गया था।
जिंदगी से ऊबकर आत्महत्या की
इस बीच उसी मकान में रह रहे मनोज के सह कर्मी विकास मंगलवार को सुबह मोबाइल पर बात करते दूसरे तल पर पहुंचा तो देखा कि मनोज के कमरे का दरवाजा बंद था। उसने दरवाजा खटखटाते हुए मनोज को पुकारा, लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई। दरवाजा अंदर से बंद था। इसके बाद विकास ने खिड़की से अंदर झांका तो देखा कि मनोज फांसी के फंदे से लटका था। उसने घटना की जानकारी मकान मालिक अवधेश पाल को दी। अवधेश ने कोतवाली पुलिस को सूचित किया। कोतवाल सुरेंद्रनाथ फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और दरवाजा तोड़कर मनोज का शव फांसी के फंदे से नीचे उतारा। कमरे की छानबीन करने पर एक चार पन्ने का सुसाइड नोट मिला। सुसाइड नोट में मनोज ने जिंदगी से ऊबकर आत्महत्या करने और इसके लिए किसी को जिम्मेदार न ठहराने की बात लिखी थी।
सुसाइड नोट में लिखी बातों का मोबाइल में वीडियो भी बनाया
माता-पिता के लिए लिखा था कि वह उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका। भाइयों से माता-पिता का ख्याल रखने की बात कही थी। मनोज ने सुसाइड नोट में लिखी बातों का वीडियो भी मोबाइल में बनाया था। पुलिस से जानकारी होने पर बस्ती से मनोज का छोटा भाई धर्मेंद्र परिजनों, रिश्तेदारों के साथ जिला अस्पताल पुलिस चौकी पहुंचा और जेल चौकी इंचार्ज से मिलकर बताया कि घटना की किसी वजह की जानकारी उसे नहीं है।