फरीना खान पेश कर रही हैं मिसाल, प्रयागराज में कोरोना मरीजों के तीमारदारों के लिए रोज पहुंचा रहीं खाना-पानी
फरीना खान अनाम स्नेह ग्रुप से जुड़ी हुई हैं। कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से ही पीडि़तों और उनके स्वजनों की मदद में लगी हैं। इस बार कोरोना की दूसरी लहर में और भी सक्रिय हो गईं। बच्चों को घरवालों को सौंपकर सुबह ही घर से निकल पड़ती हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना महामारी के इस दौर में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो मरीजों और उनके स्वजनों की मदद को आगे आए हैं। जो जिस काबिल था, उसी के अनुरूप मदद भी की। इसी में शामिल हैं करेली की रहने वाली समाजसेविका फरीना खान। ये सुबह अपने घर से निकलती हैं तो रात को लौटती हैं। खुद की तकलीफ को यह भूल गई हैं और मरीजों के स्वजनों को अपना परिवार बनाकर उनकी सेवा में जुटी हैं।
पिछले साल से ही कर रही हैं सहायता
फरीना खान अनाम स्नेह ग्रुप से जुड़ी हुई हैं। पिछले वर्ष कोरोना महामारी शुरू हुई, तब से ही ये पीडि़तों और उनके स्वजनों की मदद में लगी हैं। लेकिन इस बार कोरोना की दूसरी लहर में ये और भी सक्रिय हो गईं। अपने दो छोटे बच्चों को घरवालों को सौंपकर ये सुबह ही घर से निकल पड़ती हैं। ग्रुप के अन्य सदस्य अनुराधा, श्रीनारायण यादव, अंनत कुमार चौधरी (अंतू मामा), भाष्कर ङ्क्षसह, ज्ञानेंद्र गौतम, सुबोध यादव, राहुल देव, रविराज लेखक, गुड्डू पंडित, चंदन निषाद, रविशंकर मिश्र आदि को साथ लेकर स्वरूपरानी नेहरू, कमला नेहरु, तेजबहादुर सप्रु अस्पताल परिसर में पहुंचती हैं। यहां वे मरीजों के स्वजनों को भोजन वितरित करती हैं। फरीदा खान के पास आय का कोई स्त्रोत नहीं है, लेकिन वह ग्रुप के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर इस कार्य को बखूबी कर रही हैं। उनका कहना है कि इस कठिन घड़ी में दूसरों की मदद करना ही इंसानियत है। उनसे जो कुछ हो पा रहा है, वह कर रही हैं। कभी-कभी तो खाना कम पड़ जाता है तो वह लाई, चना, गुड़, बिस्कुट की व्यवस्था कर इसे बंटवाती हैं। दूसरे की मदद कर उनको काफी सुकून मिलता है।