सामुदायिक निवेश निधि से दूर होगी परिवार की गरीबी

राष्‍ट्रीय आजीविका मिशन योजना के तहत सामुदायिक निवेश निधि से परिवार की गरीबी दूर होगी। इसके तहत लघु उद्योग लगा सकेंगी और परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 01 Feb 2019 02:58 PM (IST) Updated:Fri, 01 Feb 2019 02:58 PM (IST)
सामुदायिक निवेश निधि से दूर होगी परिवार की गरीबी
सामुदायिक निवेश निधि से दूर होगी परिवार की गरीबी

प्रयागराज : राष्ट्रीय आजीविका मिशन योजना के तहत समूह गठन के बाद प्रतापगढ़ में गरीब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार सामुदायिक निवेश निधि व रिवाल्विंग फंड से एक लाख 10 हजार रुपये की मदद देगी। इसमें वह परिवार को गरीबी से उबारने के लिए कोई भी व्यवसाय कर सकेंगी। खास बात यह है कि इसमें कोई ब्याज नहीं देना होगा। समूह की मुखिया महिला द्वारा किश्त के एवज में उस पैसे को लौटना होगा। प्रत्येक समूह को इस निधि से गरीब महिलाओं को रोजगार से जोडऩे की मंशा है।  

गरीबों के लिए संजीवनी

निर्धन परिवार को गरीबी से उबारने के लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन योजना संचालित है। प्रतापगढ़ में यह योजना गरीबों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। इस योजना को सबसे पहले मिशन अंत्योदय योजना, सांसद आदर्श गांव, मुख्यमंत्री समग्र गांव, मुसहर गांव को प्राथमिकता दी जा रही है। यहां पर टीम गरीब महिलाओं को बकायदा प्रशिक्षण दे रही हैं। समूह का गठन करके खाता भी खोलवाया जा रहा है। इसके पीछे मिशन का मकसद है कि निधि के पैसे से गरीब महिलाएं पापड़ उद्योग, अगरबत्ती उद्योग समेत उद्योग व अन्य कार्य करें, ताकि उनका परिवार गरीबी से उबर सके। खुद आत्मनिर्भर बनें। यही मिशन की मंशा है। समूह को और सक्रिय बनाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर से भी सहयोग लेने की कवायद चल रही है।

पांच शाखाओं में चल रहा समूह

समूह को सक्रिय बनाने के लिए मिशन ने पांच शाखाओं में गठित की गई है। इसमें समूह सखी, पशु सखी, बैंक सखी, उद्योग सखी व ग्राम संगठन सखी का नाम दिया गया है। इसमें समूह सखी में समूह की हेड महिला अन्य महिलाओं को प्रशिक्षित करेगी। पशु सखी में पशु पालने के लिए जानकारी दी जाएगी। बैंक सखी में समूह की बैंक से संबंधित कार्य कराने की जिम्मेदारी वरिष्ठ व शिक्षित महिला की होगी। उद्योग सखी में उद्योग लगाने के लिए ग्रुप की वरिष्ठ महिला को उसके बारे में जानकारी देनी होगी। ग्राम संगठन सखी में भी ग्रुप की श्रेष्ठ महिला को समूह के सक्रिय बनाने को लेकर प्रशिक्षण देना होगा।

समूह की हेड को मिलेगा पारिश्रमिक लाभ

ग्राम पंचायतों में समूह को सक्रिय बनाने व उसकी मॉनीटङ्क्षरग करने के लिए एक महिला हेड भी बनाई जाएगी। जो ग्राम पंचायत स्तर पर सभी समूहों पर अपनी नजर रखेंगी। उन्हें अजीविका मिशन के तहत सरकार 800 से लेकर 1200 रुपये तक मानदेय देगी। एक गांव में केवल एक ही हेड तैनात की जाएगी। सारे समूहों से मिलाकर उसमें महिला को चुनना होगा। जो शिक्षित व वरिष्ठ होंगी। उन्हें ही हेड बनाया जाना है।

पांच नियम का करना होगा पालन

समूह को सक्रिय बनाने के लिए महिलाओं को पांच नियमों का पालन करना होगा। इसमें साप्ताहिक बैठक, साप्ताहिक बचत, आपस में लेनदेन, समय से ऋण वापसी व समूह का पूरा लेखा-जोखा तैयार करना होगा। अगर यह सभी शर्ते पूरी होती है तो समूह पूरी तरह से सक्रिय रहेगा।

असहयोग से समूह को नहीं मिल रही गति

समूह के गठन के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत सचिव, एडीओ पंचायत, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, रोजगार सेवक आदि को पूरा सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। पूर्व सीडीओ राजकमल यादव ने बकायदा पत्र लिखकर सभी बीडीओ को निर्देशित भी किया था। नतीजा यह है कि अफसरों के आदेश को कर्मचारियों ने नजरअंदाज किया। आए दिन कर्मचारियों के सहयोग न मिलने की बात सामने आ रही है। बाबा बेलखरनाथ धाम के ङ्क्षसगठी खालसा में कर्मचारियों के सहयोग न मिलने से अभी तक समूह का गठन नहीं किया गया। इसके लिए मिशन के अफसरों ने इसकी शिकायत सीडीओ से करने की बात कही है।

क्या कहते हैं एनआरएलएम के जिला प्रबंधक

एनआरएलएम के जिला प्रबंधक रतन मिश्रा का कहना है कि ग्राम पंचायतों में समूह गठन का काम तेजी से चल रहा है। इसे सक्रिय बनाने के लिए महिलाओं को नियमों का पालने करने के लिए भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। मिशन का उद्देश्य है कि निधि से मिलने वाले पैसे से वह उद्योग लगाकर खुद व परिवार को गरीबी से उबार सकें। इसमें महिलाएं भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं।

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