सूर्यग्रहण में 11.30 बजे तक बंद रहेगा बंधवा हनुमान मंदिर का कपाट Prayagraj News

ग्रहण लगने से करीब 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है इसलिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। गुरुवार को दिन में 11.30 बजे मंदिर खुलेगा लेकिन हनुमान जी का गंगाजल और फिर दूध से अभिषेक होगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 26 Dec 2019 09:09 AM (IST) Updated:Thu, 26 Dec 2019 04:35 PM (IST)
सूर्यग्रहण में 11.30 बजे तक बंद रहेगा बंधवा हनुमान मंदिर का कपाट Prayagraj News
सूर्यग्रहण में 11.30 बजे तक बंद रहेगा बंधवा हनुमान मंदिर का कपाट Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन । आज गुरुवार सुबह 8.20 बजे से लगे सूर्य ग्रहण के चलते सभी मंदिरों में दिन में करीब 11.30 बजे तक कपाट बंद रहा। सूर्य ग्रहण खत्‍म होने के बाद बंधवा हनुमान मंदिर बजरंग बली का जलाभिषेक हुआ। इसके बाद दुग्‍धाभिषेक करके विधि विधान से पूजा की गई। इसके बाद लगभग 12 बजे मंदिर का कपाट भक्‍तों के लिए खुल गया। बडी संख्‍या में लोग संगम स्‍नान के बाद हनुमान जी के दर्शन को पहुंचे और पूजा की। इसी तरह मनकामेश्‍वर, हनुमत निकेतन, अलोपशंकरी देवी, कल्‍याणी देवी समेत जिले के अन्‍य मंदिरों में सूर्य ग्रहण के बाद विधि से पूजन के बाद मंदिरों के कपाट खुल गए।

ग्रहण के बाद खुलेगा कपाट, हनुमान जी का गंगाजल और फिर दूध से होगा अभिषेक

बंधवा स्थित लेटे हनुमान जी मंदिर के कपाट बुधवार रात करीब साढ़े सात बजे ही बंद कर दिए गए थे।  महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि ग्रहण लगने से करीब 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है इसलिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे। गुरुवार को दिन में 11.30 बजे सूर्य ग्रहण समाप्‍त होने के बाद बजरंग बली का जलाभिषेक और दुग्‍धाभिषेक किया गया। विधिवत पूजन के बाद मंदिर के कपाट आम भक्‍तों के खुल गए। बडी संख्‍या में लोग सूर्य ग्रहण के बाद स्‍नान कर हनुमान जी के दर्शन के लिए पहुंचे।

ग्रहण काल के दौरान मंगल कामना के लिए मंत्रों का किया जप

सिविल लाइंस स्थित हनुमत निकेतन, हाईकोर्ट चौराहे पर न्यायविद हनुमान मंदिर, सभी शिवालय व अन्य देवालयों में भी बुधवार रात विशेष पूजा आराधना हुई थी।इसके बाद मंदिर के कपाट बंद हो गए थे। मंदिर के पुजारियों ने बताया कि ग्रहण काल के दौरान लोगों की मंगल कामना के लिए मंत्र जाप किया गया।

गंगा स्‍नान को उमडे लोग

ग्रहण के बाद स्‍नान का विशेष महत्‍व है। ग्रहण के बाद हजारों की संख्‍या लोग संगम में स्‍नान के लिए पहुंचे। सूर्य ग्रहण खत्‍म होने के बाद तो भीड बढती गई। संगम स्‍नान के बाद लोगों ने विधि विधान से पूजन किया। इसके बाद दान किया। ग्रहण में दान का विशेष महत्‍व है।

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