Positive news : प्रतापगढ़ में सरकारी तालाब के बंधे पर केले की खेती, आय से होगा ग्राम पंचायत का विकास

Positive news Pratapgarh केले की खेती से होने वाली आय का पैसा ग्राम पंचायत के खाते में जमा होगा। पैसे से ग्राम पंचायत के विकास कार्य होंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 14 Sep 2020 07:25 PM (IST) Updated:Mon, 14 Sep 2020 07:25 PM (IST)
Positive news : प्रतापगढ़ में सरकारी तालाब के बंधे पर केले की खेती, आय से होगा ग्राम पंचायत का विकास
Positive news : प्रतापगढ़ में सरकारी तालाब के बंधे पर केले की खेती, आय से होगा ग्राम पंचायत का विकास

प्रतापगढ़,जेएनएन। जहां चाह, वहीं राह। तरक्की की मंजिल लगन से ही बनती है और छोटी छोटी पहल कमाल कर जाती है। यह देखना हो तो सदर ब्लाक की ग्राम पंचायत कुसमी आएं। यहां प्रधान नसरीन बानो की पहल पर इन दिनों केले की फसल लहलहा रही है। उन्हें उम्मीद है कि इसकी बिक्री से होने वाली आय लोगों की जिंदगी बदल देगी।

गांव के सरकारी तालाब पर केले की खेती की यह नई इबारत इसी साल अप्रैल में लिखी गई। प्रधान ने आंध्र प्रदेश से पौधे मंगवाए। तालाब के बंधे की जमीन पर इसे लगवा दिया। निराई, गुड़ाई व सिंचाई का सिलसिला जारी रखा। करीब छह माह में केले के पौधे पूरी तरह से तैयार हो गए हैं। अब तो फल भी लगने लगे हैं। नसरीन कहती हैं कि केले की बिक्री से होने वाली आय ग्राम पंचायत के खाते में जमा कराई जाएगी। काम में लगे मजदूरों को मजदूरी भी दी जाएगी। ग्राम सभा में खाली पड़ी जमीनों पर भी केले की खेती करने की तैयारी चल रही है। नसरीन के अनुसार कुछ काम बिना सरकारी मदद के भी किया जा सकता है। वह इस तरह की खेती के लिए अन्य प्रधानों को भी प्रेरित कर रही हैं।

परिवार के लोग भी करते हैं सहयोग

नसरीन के इस मिशन में उनका परिवार भी साथ है। पति अब्दुल गफ्फार, बेटे इबनैन, हुसनैन सहित परिवार के अन्य सदस्य भी सहयोग करते हैं। प्रधान सहित परिवार के लोगों की नियमित दिनचर्या बन गई है। इन दिनों तालाब पर केले की खेती देखते ही बनती है। इधर से गुजरने वालों की नजर एक बार जरूर लहलहाते केले की फसल पर पड़ जाती है।

पैसे से ग्राम पंचायत के होंगे विकास कार्य

केले की खेती से होने वाली आय का पैसा  ग्राम पंचायत के खाते में जमा होगा। अफसरों से अनुमति लेकर इस पैसे से चकरोड, पौधारोपण, तालाब की सफाई के साथ ही बंधे पर रंग बिरंगे फूल के पौधे लगाने का कार्य कराया जाएगा।

ग्रामीणों ने भी किया था श्रमदान

केले की खेती के दौरान गांव के ही जंग बहादुर पटेल, शमशाद आलम, मुन्नू, नरङ्क्षसह बहादुर, समर बहादुर, फरीद, कल्लू आदि ने भी श्रमदान किया था। कई दिनों तक इन लोगों ने केले के पौधे की गोड़ाई करने के साथ ही दवाओं का छिड़काव भी किया था।  इनकी मेहनत रंग ला रही है और उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि उनका प्रयोग सफल हुआ है। आने वाले समय में वह प्रधान की सहायता से व्यापक स्तर पर केले की खेती कर सकेंगे।

गांव के विकास में मिलेगी मदद

ग्राम प्रधान कुसमी नसरीन बानो ने बताया कि तालाब का बंधा खाली पड़ा था। ऐसे में सोचा कि क्यों न इस पर केले की खेती शुरू की जाए। पांच से छह माह में पौधों में फल भी आ गया है। केले की बिक्री से मिला पैसा ग्राम पंचायत के खाते में जमा किया जाएगा और अन्य विकास कार्य कराए जाएंगे। खेती से तालाब भी खूबसूरत दिखने लगा है।

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