पापी पेट का सवाल है...स्कूल बंद है तो कमाई करेंगे, घर का खर्च जो चलाना है Prayagraj News

कोरोना वायरस लॉकडाउन ने प्रयागराज के गरीबों को भी काफी प्रभावित किया है। दो जून की रोटी के लिए अब वे फिर जुट गए हैं। स्‍कूल बंद होने से उनके बच्‍चे भी आर्थिक आय के लिए जुटे हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 15 Sep 2020 09:14 AM (IST) Updated:Tue, 15 Sep 2020 09:14 AM (IST)
पापी पेट का सवाल है...स्कूल बंद है तो कमाई करेंगे, घर का खर्च जो चलाना है Prayagraj News
पापी पेट का सवाल है...स्कूल बंद है तो कमाई करेंगे, घर का खर्च जो चलाना है Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में सभी परेशान हैं। सबसे अधिक दिक्‍कत उन लोगों को है जो दिन भर कठिन परिश्रम करके दो जून की रोटी जुटा पाते थे। कोराेना संक्रमण ने उनके पेट पर लात मारी। महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए जब तक लॉकडाउन था तो इन गरीबों की आर्थिक मदद लोग कर दिया करते थे। वहीं लॉकडाउन खत्‍म होने के साथ ही मदद को बढ़ने वाले हाथ भी नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में दो वक्‍त की रोटी का जुगाड़ गरीबों का खुद ही करना पड़ रहा है। ऐसा ही एक नमूना सोरांव तहसील इलाके में दिखा।

कोरोना संक्रमण ने उनकी जिंदगी का सारा खेल बिगाड़ दिया

घर में खाने की किल्लत देख पिता ने चार साल की उम्र में ही राजू का नाम प्राथमिक विद्यालय मे लिखवा दिया। खेलने की उम्र में राजू स्कूल जाता, बच्चों के साथ खेलता और दोपहर का खाना खाकर छुट्टी में घर आ जाता तब तक पिता दिन भर सांप दिखाकर कुछ कमाई लाता और रात भर के खाने की व्यवस्था हो जाती। यह दिनचर्या ऐसे ही चलती रहती थी। कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन ने उनकी जिंदगी का सारा खेल बिगाड़ दिया। लॉकडाउन हुआ तो सभी कुछ बंद हो गया। राजू और उसके पिता किसी तरह सरकारी अनाज व समाज सेवियों से मिले राशन का प्रयोग करते हुए जीवन काटने लगे। अब लॉकडाउन खुल गया और समाजसेवियों ने राशन बांटना बंद कर दिया।

स्‍कूल बंद है तो मासूम राजू पिता के साथ सांप का खेल दिखा रहा

राजू का स्कूल नहीं खुला जिसके चलते परिवार चलाना कठिन हुआ तो राजू पांच साल की उम्र में पिता के साथ निकल जाता है। पांच साल की खेलने की होती है लेकिन वह गले में सांप डालकर निकल जाता लंबे सफर पर। दिन भर कभी इस कस्बे में तो कभी उस कस्बे में और शाम तक गले वाला सांप भी उसका दोस्त बन जाता है और सांप दिखाकर कमाए गए पैसों से घर मे खाना बनता है और सभी खाकर सो जाते हैं। राजू के पिता का कहना है कि गरीबी में घर चलाना बेहद मुश्किल है। वह भी बचपन से सांप दिखाना व बीन बजाना सीख गया था और अब उसका बच्चा भी तब तक साथ रहेगा जब तक स्कूल दोबारा नही खुल जाता है। स्कूल ड्रेस में राजू के सांप दिखाकर पैसे मांगने की बात पूछने पर घर मे स्कूल से मिले कपड़े ही हैं जो रोज बदलकर पहनता है।

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