कोरोना की जंग तो जीती, दूसरी बीमारियों ने नहीं छोड़ा पीछा

जागरण संवाददाता प्रयागराज इन दिनों तमाम ऐसे मरीज हैं जो कोरोना की जंग तो जीत ली।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Aug 2020 01:29 AM (IST) Updated:Mon, 24 Aug 2020 01:29 AM (IST)
कोरोना की जंग तो जीती, दूसरी बीमारियों ने नहीं छोड़ा पीछा
कोरोना की जंग तो जीती, दूसरी बीमारियों ने नहीं छोड़ा पीछा

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : इन दिनों तमाम ऐसे मरीज हैं जो कोरोना की जंग तो जीत ली लेकिन दूसरी बीमारियों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। परिणाम यह हुआ कि वह दोबारा इलाज के लिए निजी अस्पतालों में जा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में पोस्ट कोविड केयर की व्यवस्था नहीं होने से मुश्किलें और बढ़ रही जिसका फायदा उठा रहे निजी अस्पताल।

गोविंदपुर निवासी एसीएमओ कुछ दिनों पहले कोरोना संक्रमित हुए थे। उसके पहले वह पूरी तरह स्वस्थ थे। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती हुए। 10 दिन इलाज हुआ फिर वह निगेटिव हो गए लेकिन स्वास्थ्य में खास सुधार नहीं हुआ। एसआरएन कोविड अस्पताल होने के कारण वहा अन्य बीमारियों का इलाज इन दिनों संभव नहीं है। एसीएमओ को शहर के एक बड़े निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन वह बच नहीं सके। मऊआइमा निवासी एक 55 वर्षीय कोरोना संक्रमित एसआरएन में भर्ती हुए। रिपोर्ट निगेटिव आ गई लेकिन सास की बीमारी से फेफड़ा वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। अंत में उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। करीब दो दर्जन संक्रमित मरीजों को दोबारा अस्पताल में भर्ती होना पड़ा और कई की जान भी चली गई। संक्रमण से मुक्त होने के बाद भी लोग ह्रदय, लिवर, किडनी और फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित हो रहे हैं।

अन्य बीमारिया भी मौत का कारण

लेवल-थ्री के कोविड अस्पताल एसआरएन में अब तक 110 कोरोना मरीजों की जान जा चुकी है। इसमें 90 फीसद ऐसे थे जिन्हें कोरोना के साथ-साथ डायबिटिज, ब्लड प्रेशर, निमोनिया व सास संबंधी बीमारिया थीं। स्वरूपरानी नेहरू कोविड अस्पताल के नोडल डॉ. सुजीत के अनुसार, प्रतिदिन कोरोना संक्रमित दो या तीन मरीजों की मौत हो रही है। इसमें ज्यादातर पहले से ही अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे।

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