कोरोना वैक्‍सीन : 15 से 18 आयु वर्ग पर तो प्रयोग सफल, अब बाल गोपालों के वैक्‍सीन का इंतजार

Corona Vaccine प्रयागराज में काल्विन अस्‍पताल के डाक्‍टर राजेश कुमार कहते हैं कि 12 से 14 साल तक के बच्चों को टीके लगाने पर भी शासन और उच्च स्तरीय लैब के वैज्ञानिकों में विचार मंथन व प्रयोग चल रहा है। जल्द ही इस आयु वर्ग के लिए भी टीके आएंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 04 Jan 2022 10:21 AM (IST) Updated:Tue, 04 Jan 2022 10:21 AM (IST)
कोरोना वैक्‍सीन : 15 से 18 आयु वर्ग पर तो प्रयोग सफल, अब बाल गोपालों के वैक्‍सीन का इंतजार
किशोरों पर कोरोना वैक्‍सीन के सफल प्रयोग के बाद बच्‍चों के वैक्‍सीन की आवश्‍यकता बताई जा रही है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कोविड-19 से सुरक्षा के लिए 15 से 18 साल तक के किशोरों पर टीकाकरण पहले दिन सफलता के रास्ते पर कदम बढ़ाता चला। इससे चिकित्सकों को भी लगने लगा है कि अब 12 से 14 साल तक के बच्चों के लिए भी टीका जल्द ही आना चाहिए। हालांकि इस आयु वर्ग में इम्युनिटी स्ट्रांग रहती है। हालांकि कोरोना संक्रमण के मामले में बच्चों की इम्युनिटी को लेकर डाक्टर ज्यादा कुछ नहीं कह रहे। 15 से 18 साल आयु वर्ग के किशोरों को आधे घंटे तक आब्जरवेशन में रखकर डाक्टरों ने यही देखा कि टीका का उन पर रिएक्शन तो नहीं हो रहा।

डाक्‍टर बोले- 12 से 14 वर्ष के बच्चों को टीके जल्द लगने चाहिए

जिले में कुल आबादी 60 लाख से ज्यादा है। इनमें करीब 54 लाख लोगों को टीके लग चुके हैं और यह सभी 18 वर्ष से अधिक के लोग हैं। 18 वर्ष से कम आयु वालों को भी टीके लगने की शुरुआत 3 जनवरी को हो गई है।  डाक्टरों का कहना है कि जब तक शत प्रतिशत आबादी को टीके नहीं लग जाते, तब तक कोरोना वायरस से पूरी तरह सुरक्षा नहीं हो पाएगी। 15 से 18 साल के किशोरों पर टीके का प्रयोग सफल रहा, इसलिए अब बाल गोपाल के लिए भी इसकी जरूरत महसूस होने लगी है। खासतौर से 12 से 14 साल तक के बच्चों को टीके जल्द लगने चाहिए।

बच्‍चों के टीके के लिए शासन व वैज्ञानिकों में मंथन चल रहा

प्रयागराज में काल्विन अस्‍पताल के डाक्‍टर राजेश कुमार कहते हैं कि 12 से 14 साल तक के बच्चों को टीके लगाने पर भी शासन और उच्च स्तरीय लैब के वैज्ञानिकों में विचार मंथन व प्रयोग चल रहा है। जल्द ही इस आयु वर्ग के लिए भी टीके आएंगे। कहा कि तीन जनवरी को जिन्हें भी टीके लगे वह सभी लाभार्थी स्वस्थ हैं, इसलिए माना जा सकता है कि टीका सुरक्षित और भरोसेमंद है।

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