शोध के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल करेगा सीएमपी कॉलेज, मिली है यह उपलब्धि Prayagraj News

सीएमपी डिग्री कॉलेज के 13 शिक्षकों को यूजीसी की ओर से 1.30 लाख रुपये का ग्रांट मिला। इनमें रसायन के तीन भौतिकी के दो व जंतु विज्ञान के छह शिक्षक चयनित किए गए हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 10 Aug 2019 11:25 AM (IST) Updated:Sat, 10 Aug 2019 12:10 PM (IST)
शोध के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल करेगा सीएमपी कॉलेज, मिली है यह उपलब्धि Prayagraj News
शोध के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल करेगा सीएमपी कॉलेज, मिली है यह उपलब्धि Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद विश्वविद्यालय का संघटक महाविद्यालय चौधरी महादेव प्रसाद डिग्री कॉलेज (सीएमपी) शोध के क्षेत्र में अब नया मुकाम हासिल करेगा। शोध के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए शैक्षणिक सत्र 2019-20 में कॉलेज के तीन विभागों के 13 शिक्षकों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से स्टार्टअप के लिए 1.30 लाख रुपये की ग्रांट मिली है। इसमें प्रत्येक शिक्षकों को 10-10 लाख रुपये ग्रांट मिली है।

यूजीसी की ओर से स्टार्टअप के तहत शिक्षकों को दिया जाता है ग्रांट

शोध को बढ़ावा देने के लिए यूजीसी की ओर से स्टार्टअप के तहत शिक्षकों को ग्रांट दिए जाने का प्रावधान है। स्टार्टअप ग्रांट किसी भी विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध कॉलेजों के नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर को शोध के लिए दिया जाता है। इसके लिए दो साल के किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। यूजीसी की एक कमेटी में शामिल विशेषज्ञ आवेदन पत्र के साथ शिक्षकों की ओर से दिए गए प्रस्ताव पर विचार करने के बाद चयन करते हैं।

सीएमपी के 13 शिक्षकों को एक करोड़ 30 लाख रुपये का ग्रांट मिला

यूजीसी की ओर से सीएमपी के 13 शिक्षकों को एक करोड़ 30 लाख रुपये का ग्रांट दिया गया है। इसके लिए पत्र भी शिक्षकों को मिल चुका है और पहली किश्त में आठ-आठ लाख रुपये दे दिया गया है। ग्रांट पाने वालों में रसायन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रवीन कुमार सिंह, डॉ. विशाल श्रीवास्तव, डॉ. अर्जिता श्रीवास्तव, डॉ. रंजीत कुमार और डॉ. अकरम अली शामिल हैं। इसके अलावा भौतिक विज्ञान विभाग से डॉ. रोहित और डॉ. हरि प्रकाश भाष्कर को ग्रांट मिला है। जबकि, जंतु विज्ञान विभाग से डॉ. मनोज जायसवाल, डॉ. आशीष मिश्र, डॉ. चारू त्रिपाठी, डॉ. ज्योति वर्मा, डॉ. विनय सिंह और डॉ. अजीत सिंह का चयन हुआ है। ये सभी ग्रांट पाने वाले शिक्षक अब इस रकम से नए-नए शोध करेंगे।

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