प्रयागराज के खीरी में नाला पाटने वालों पर लिखा गया मुकदमा, थानेदार भी लाइन हाजिर

बाढ़ कार्य खंड सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अनिल यादव नाला पर अवैध कब्जा रोकने के लिए ट्रैक्टर के आगे लेट गए। मामला कमिश्नर संजय गोयल तक पहुंचा तो उन्होंने अवैध कब्जा रुकवाया। अगले दिन डीएम ने सीआरओ और विशेष भूमि अध्यापति अधिकारी को जांच के लिए भेजा।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 06:38 AM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 06:38 AM (IST)
प्रयागराज के खीरी में नाला पाटने वालों पर लिखा गया मुकदमा, थानेदार भी लाइन हाजिर
खीरी थाना क्षेत्र के खपटिहा गांव में 17 नवंबर को पाट रहे थे नाला

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। यमुनापार के कोरांव के खपटिहा गांव में नाला पटवाने वालों के खिलाफ एसएसपी की सख्ती के बाद खीरी थाने में मुकदमा दर्ज हो गया है। इस मामले में 10 दिन पहले तहरीर मिलने के बावजूद मुकदमा दर्ज न करने पर थानाध्यक्ष राजेश मौर्या लाइन हाजिर कर दिए गए हैं। मुकदमा दर्ज होने के बाद मामले की जांच सब इंस्पेक्ट विनोद कुमार को दी गई है।

एसडीएम कोरांव की भूमिका पर उठे सवाल

17 नवंबर को खीरी थाना क्षेत्र के गांव खपटिहा में प्लाटिंग करने वाले रूपेश बाघवानी और संजय श्रीवास्तव के लिए एसडीएम कोरांव और खीरी थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ नाला पटवा रहे थे। यह नाला सिंचाई विभाग का है। इसलिए बाढ़ कार्य खंड सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अनिल यादव नाला पर अवैध कब्जा रोकने के लिए ट्रैक्टर के आगे लेट गए। मामला कमिश्नर संजय गोयल तक पहुंचा तो उन्होंने अवैध कब्जा रुकवाया। अगले दिन डीएम संजय कुमार खत्री ने मुख्य राजस्व अधिकारी (सीआरओ) हरी शंकर और विशेष भूमि अध्यापति अधिकारी (एसएलएओ) योगेंद्र सिंह को जांच के लिए भेजा। जांच टीम ने राजस्व रिकार्ड और ग्रामीणों से बातचीत करके रिपोर्ट तैयार की और डीएम काे सौंप दिया। उन्हाेंने रिपोर्ट में लिखा कि नाला सड़क किनारे और प्लाटरों की जमीन के दक्षिण में है। इसे प्लाटर अपनी जमीन के पीछे उत्तर दिशा में करवा रहे थे, जो कि अवैध है। अवैध रूप से नाला पटवाने के मामले में लेखपाल, कानूनगो और एसडीएम भी उत्तरदायी हैैं। इसलिए खिलाफ विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की जाती है। लिखा कि थानाध्यक्ष की संलिप्ता की भी जांच अलग से कराया जाना उचित होगा। इसके अलावा संजय श्रीवास्तव और रूपेश बाघवानी के खिलाफ कार्यवाही की जाय। जांच रिपोर्ट आने के बाद 22 नंवबर को डीएम संजय कुमार खत्री ने बाढ़ कार्य खंड के अधिशासी अभियंता ब्रजेश को निर्देश दिया कि वह खीरी थाने में संजय श्रीवास्तव और रूपेश बाघवानी के खिलाफ विधिक कार्यवाही कराकर अवगत करवाएं। एक्सईएन ब्रजेश कुमार ने थानाध्यक्ष से बात की और बताया कि 18 नवंबर को तहरीर दी जा चुकी है। फिर भी मुकदमा नहीं हुआ। रविवार की शाम को मामला एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी तक पहुंचा तो उन्होंने खीरी थानाध्यक्ष राजेश मौर्या को तत्काल मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि लाइन में आकर आमद कराएंं। एसएसपी की सख्ती के बाद रूपेश बाघवानी निवासी नैनी और संजय श्रीवास्तव निवासी नारीबारी के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984, तीन और पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

लेखपाल, कानूनगो और एसडीएम पर नहीं हुई कार्रवाई

जांच रिपाेर्ट में लेखपाल, कानूनगो और एसडीएम कोरांव भी दोषी पाए गए लेकिन अब तक इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि खीरी थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया है।

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